यदि आपने भी खरीदी है ऐसी प्रॉपर्टी, तो अभी से हो जाएं सावधान! मोदी सरकार उठाने जा रही सख्त कदम
Central Govt on Enemy Property: शत्रु संपत्तियों की पहचान के बाद अब सरकार की तरफ से इन्हें कब्जा मुक्त कराने का अभियान चलाया जाएगा।
Central Govt on Enemy Property
Central Govt on Enemy Property: नई दिल्ली। आज की तारीख में सबसे सुरक्षित और बढ़िया इन्वेस्टमेंट प्रॉपर्टी में किए गए इन्वेस्टमेंट को माना जाता है। जिस कारण लगातार प्रॉपर्टी के दाम भी बढ़ रहे हैं और इसपर निवेश भी। लेकिन यदि आपने गलती से शत्रु संपत्ति खरीद ली है और आप उसके मालिक हैं। तो आपको बहुत ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। यदि आपने किसी शत्रु जमीन पर कब्जा कर रखा है तो भी आपको अलर्ट रहने की आवश्यकता है। वह इसलिए क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार अब ऐसी शत्रु संपत्तियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने जा रही है।
अतिक्रमण हटाकर होगी निलामी
Central Govt on Enemy Property: शत्रु संपत्तियों की पहचान के बाद अब सरकार की तरफ से इन्हें कब्जा मुक्त कराने का अभियान चलाया जाएगा। यदि किसी भूमि पर निर्माण हो रखा है तो सरकार की तरफ से इसे भी कब्जा मुक्त कराया जाएगा। इसके लिए सरकार मकान, दुकान या प्लॉट की नीलामी करेगी। सरकार इस विकल्प पर भी विचार कर रही है कि यदि कोई व्यक्ति या उसका परिवार शत्रु संपत्ति पर काबिज है तो नीलामी में खरीदने का पहला अधिकार उस व्यक्ति को ही दिया जाएगा।
भारत में कुल 12 हजार 615 शत्रु संपत्ति
Central Govt on Enemy Property: नीलामी में संपत्ति को खरीदने के बाद शत्रु संपत्ति को वैध तरीके से खरीदकर अपने पास रख सकते हैं। शत्रु संपत्ति को कब्जा मुक्त कराने की शुरुआत सबसे पहले यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा से होगी। देश की सबसे ज्यादा शत्रु संपत्तियां उत्तर प्रदेश में हैं। देशभर में कुल 12 हजार 615 शत्रु संपत्तियों की पहचान की गई है। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा 6255 शत्रु संपत्तियां यूपी में हैं। इनमें से 3797 शत्रु संपत्तियों की पहचान हुई है। यूपी के बाद सबसे ज्यादा शत्रु संपत्ति पश्चिम बंगाल में हैं।
क्या होती है शत्रु संपत्ति?
Central Govt on Enemy Property: देश के बंटवारे के समय या उसके बाद 1962, 65 और 1971 के युद्ध में ऐसे लोग जो देश छोड़कर पाकिस्तान में बस गए। दूसरे देश जाने के कारण उनकी संपत्ति मकान, दुकान या जमीन भारत में ही रह गई। उसे शत्रु संपत्ति कहा जाता है। हर राज्य में सरकार की तरफ से हजारों शत्रु संपत्तियों की पहचान की गई है। 1962 के रक्षा अधिनियम के तहत सरकार के पास शत्रु संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार है।

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