ऊंचे दाम पर कम लिवाली से सरसों तेल-तिलहन के साथ बिनौला में गिरावट, बाकी के भाव स्थिर

ऊंचे दाम पर कम लिवाली से सरसों तेल-तिलहन के साथ बिनौला में गिरावट, बाकी के भाव स्थिर

ऊंचे दाम पर कम लिवाली से सरसों तेल-तिलहन के साथ बिनौला में गिरावट, बाकी के भाव स्थिर
Modified Date: June 18, 2025 / 07:53 pm IST
Published Date: June 18, 2025 7:53 pm IST

नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) आयातित खाद्य तेलों से ऊंचे दाम के कारण मांग कमजोर रहने से घरेलू बाजार में बुधवार को सरसों तेल-तिलहन तथा पामोलीन से अधिक कीमतों के कारण मांग प्रभावित रहने से बिनौला तेल में गिरावट रही। अन्य यानी मूंगफली एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के दाम स्थिर बने रहे।

शिकॉगो और मलेशिया एक्सचेंज में मजबूती का रुख है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि पिछले सालों के मुकाबले मई-जून के महीने में सरसों की आवक इस बार काफी सीमित मात्रा में होती रही। सरसों फसल आने के समय तो सरसों का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी नीचे था और इसे देखते हुए किसान कम दाम पर बिकवाली करने से बचते दिखे और उन्होंने मंडियों में कम आवक लाने का सिलसिला जारी रखा। इस स्थिति के बीच धीरे-धीरे सरसों मजबूत होती रही और इसके हाजिर थोक दाम एमएसपी से ऊंचे हो गये। इसके बावजूद भी किसान रोक-रोक कर ही फसल बाजार में ला रहे हैं। आयातित खाद्य तेलों से भी सरसों के महंगा हो जाने के बीच मांग प्रभावित होने से सरसों के दाम में थोड़ी गिरावट देखी गई।

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उन्होंने कहा कि पामोलीन का दाम पहले से सस्ता हुआ है मगर अब भी यह सोयाबीन के आसपास बना हुआ है। बाजार की स्थिति ऐसी है कि पैसों की तंगी की वजह से आयातक सोयाबीन को आयात लागत से भी कम हाजिर दाम पर बेच रहे हैं। जब सोयाबीन नहीं खप रहा तो उसके साथ दाम की लगभग बराबरी करने वाला पाम-पामोलीन कहां खपेगा। बिनौला तेल का दाम पामोलीन से महंगा होने से मांग प्रभावित रहने के कारण बिनौला तेल कीमत में भी गिरावट रही।

सामान्य और सुस्त कारोबार के बीच मूंगफली एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, सीपीओ एवं पामोलीन तेल कीमतें पूर्ववत स्थिर बंद हुई।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को देशी तेल-तिलहनों का बाजार बनाने, उसके हिसाब से नीतियों को तैयार करने की ओर विशेष ध्यान देना होगा तभी तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करते हुए विदेशी मुद्रा की बचत करने का देश का सपना साकार हो सकता है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,725-6,775 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,775-6,150 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,245-2,545 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,480-2,580 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,480-2,615 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 10,800 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,150 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,650 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,425-4,475 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,125-4,225 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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