खुदरा भागीदारी बढ़ने से 2035 तक म्यूचुअल फंड का आकार 300 लाख करोड़ रुपये होगाः रिपोर्ट

खुदरा भागीदारी बढ़ने से 2035 तक म्यूचुअल फंड का आकार 300 लाख करोड़ रुपये होगाः रिपोर्ट

खुदरा भागीदारी बढ़ने से 2035 तक म्यूचुअल फंड का आकार 300 लाख करोड़ रुपये होगाः रिपोर्ट
Modified Date: December 9, 2025 / 03:32 pm IST
Published Date: December 9, 2025 3:32 pm IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) म्यूचुअल फंड योजनाओं के तहत प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) वर्ष 2035 तक 300 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाने का अनुमान है जबकि इसी अवधि में प्रत्यक्ष इक्विटी शेयरधारिता 250 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।

सलाहकार फर्म बेन एंड कंपनी और निवेश मंच ग्रो की एक संयुक्त रिपोर्ट कहती है कि एयूएम में उच्च वृद्धि खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और व्यापक डिजिटल पहुंच से प्रेरित है।

‘हाउ इंडिया इन्वेस्ट्स’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के मुताबिक, अगले दशक में भारतीय परिवारों में म्यूचुअल फंड की पहुंच 10 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है।

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इसके मुताबिक, म्यूचुअल फंड उद्योग में वृद्धि की अगली लहर ‘घरेलू स्वीकृति में वृद्धि, मजबूत डिजिटल सक्षमता, सहायक विनियमन और बढ़ते निवेशक विश्वास’ से प्रेरित होगी।

दूसरी ओर, इक्विटी हिस्सेदारी में अपेक्षित वृद्धि का श्रेय सट्टेबाजी आधारित कारोबार की जगह दीर्घकालिक निवेश की ओर बदलाव को दिया जा सकता है। साथ ही डिजिटल रूप से संचालित पैठ और मजबूत बाजार प्रदर्शन की भी इसमें भूमिका है।

बेन इंडिया के साझेदार और वित्तीय सेवा प्रमुख सौरभ त्रेहान ने कहा, ‘‘भारतीय परिवार पारंपरिक बचत की मानसिकता से धीरे-धीरे अधिक निवेश-उन्मुख दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे हैं। साथ ही म्यूचुअल फंड एवं प्रत्यक्ष शेयर हाल के वर्ष में सबसे तेजी से बढ़ने वाले परिसंपत्ति वर्ग के रूप में उभरे हैं।’’

निवेश मंच ग्रो के सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने भी इससे सहमति जताते हुए कहा, ‘‘हम भारतीयों में एक संरचनात्मक बदलाव देख रहे हैं। अब वे ‘पहले बचत’ के बजाय ‘पहले निवेश’ की मानसिकता की ओर बढ़ रहे हैं।’’

रिपोर्ट में भारत की 10,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा में खुदरा निवेश को एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में रेखांकित किया गया है।

इसके मुताबिक, इस तरह के निवेश से वित्तीय परिवेश और व्यवसायों में सात लाख से अधिक नए रोजगार सृजित होंगे और वृद्धि पूंजी तक पहुंच आसान होगी।

भाषा निहारिका प्रेम

प्रेम


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