एनसीएलटी ने गो फर्स्ट के परिसमापन का आदेश दिया

एनसीएलटी ने गो फर्स्ट के परिसमापन का आदेश दिया

एनसीएलटी ने गो फर्स्ट के परिसमापन का आदेश दिया
Modified Date: January 20, 2025 / 07:33 pm IST
Published Date: January 20, 2025 7:33 pm IST

नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने सोमवार को विमानन कंपनी गो फर्स्ट के परिसमापन का आदेश दिया। कंपनी का परिचालन वित्तीय समस्याओं के कारण पिछले करीब तीन साल से बंद है।

एयरलाइन ने मई 2023 में वित्तीय संकट का हवाला देते हुए स्वैच्छिक रूप से दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था।

न्यायाधिकरण ने 15 पृष्ठ के आदेश में कहा कि वह कंपनी गो एयरलाइंस (इंडिया) लि. के परिसमापन का आदेश दे रहा है।

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एनसीएलटी ने कहा कि योजना में कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) को अपने गठन के बाद और समाधान योजना की पुष्टि से पहले किसी भी समय संबंधित कंपनी के परिसमापन का निर्णय लेने का अधिकार है।

गो एयर का नाम बदलकर गो फर्स्ट किया गया था। कंपनी ने 17 साल से अधिक समय तक उड़ान सेवाएं दी। एयरलाइन का परिचालन तीन मई, 2023 से निलंबित है।

दिवाला समाधान प्रक्रिया के दौरान, कम से कम दो बोलीदाता … स्पाइसजेट प्रमुख अजय सिंह के साथ बिजी बी एयरवेज और शारजाह स्थित विमानन इकाई स्काई वन थे।

यात्रा पोर्टल ईज माई ट्रिप के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी बिजी बी एयरवेज में बहुलांश शेयरधारक है।

इस बीच, विमानन नियामक डीजीसीए ने गो फर्स्ट के 54 विमानों का पंजीकरण रद्द कर दिया है।

समाधान प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पायी और अब न्यायाधिकरण ने एयरलाइन के परिसमापन का आदेश दिया है।

एयरलाइन ने 2005-06 में मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहली उड़ान के साथ घरेलू परिचालन शुरू किया और फिर 2018-19 में अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू किया।

परिचालन शुरू करने के बाद से, गो फर्स्ट ने एयरबस को 72 ए320 नियो विमानों के लिए दो ऑर्डर दिए। ये ऑर्डर 2011-12 और 2016-17 में दिये गये।

नकदी समस्या से जूझ रही एयरलाइन ने मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में 1,800 करोड़ रुपये के नुकसान की सूचना दी।

भाषा रमण

रमण


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