परंपरागत निर्माण गतिविधियों में पर्यावरण अनुकूल उपायों को शामिल करने की जरूरत: पुरी

परंपरागत निर्माण गतिविधियों में पर्यावरण अनुकूल उपायों को शामिल करने की जरूरत: पुरी

परंपरागत निर्माण गतिविधियों में पर्यावरण अनुकूल उपायों को शामिल करने की जरूरत: पुरी
Modified Date: March 6, 2024 / 08:59 pm IST
Published Date: March 6, 2024 8:59 pm IST

नयी दिल्ली, छह मार्च (भाषा) केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने लिए पारंपरिक निर्माण गतिविधियों में पर्यावरण अनुकूल उपायों को शामिल करने की आवश्यकता है।

पुरी ने कहा कि वर्तमान में निर्मित बुनियादी ढांचा वैश्विक ऊर्जा से संबंधित 40 प्रतिशत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है।

महिंद्रा समूह और जॉनसन कंट्रोल्स के शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन के साथ भवन निर्माण पहल पेश किये जाने के मौके पर एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, ‘‘पारंपरिक निर्माण दृष्टिकोण से आगे बढ़ने की सख्त जरूरत है… यह जरूरी है कि हम निर्माण परिवेश के जीवन चक्र में पर्यावरण अनुकूल उपायों को एकीकृत करें।’’

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पुरी ने कहा कि निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण कच्चा माल – सीमेंट है। यह औद्योगिक कार्बन उत्सर्जन में लगभग एक- चौथाई के लिए जिम्मेदार है। यह क्षेत्र सभी उद्योगों में प्रति डॉलर राजस्व में सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जन करता है।

पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार पर्यावरण अनुकूल उपायों को बढ़ावा दे रही है

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत मंजूर 1.19 करोड़ घरों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पर्यावरण अनुकूल निर्माण सामग्री और तकनीकों का उपयोग करके बनाया जा रहा है।

मंत्री ने कहा कि ये घर दिसंबर, 2024 के अंत तक 90 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने में योगदान देंगे।

शुद्ध रूप से शुद्ध कार्बन उत्सर्जन निर्माण पहल का लक्ष्य भारत की वाणिज्यिक, शहरी आवासीय और सार्वजनिक इमारतों को कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करना है।

भाषा रमण अजय

अजय


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