तीन महीने में 20 प्रतिशत महंगा हुआ अखबारी कागज, प्रकाशकों की सीमा शुल्क हटाने की मांग | Newsprint, publishers demand removal of customs duties 20 percent costlier in three months

तीन महीने में 20 प्रतिशत महंगा हुआ अखबारी कागज, प्रकाशकों की सीमा शुल्क हटाने की मांग

तीन महीने में 20 प्रतिशत महंगा हुआ अखबारी कागज, प्रकाशकों की सीमा शुल्क हटाने की मांग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : January 16, 2021/1:37 pm IST

नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) कोरोना वायरस महामारी के बीच मांग-आपूर्ति के असंतुलन से पिछले तीन माह में अखबारी कागज (न्यूजप्रिंट) का दाम 20 प्रतिशत बढ़ गया है। इसके चलते समाचार पत्र प्रकाशकों ने सरकार से न्यूजप्रिंट पर पांच प्रतिशत का आयात शुल्क हटाने की मांग की है।

इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) के अध्यक्ष एल आदिमूलम ने कहा कि कोविड-19 महामारी से उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे में ज्यादातर समाचार पत्रों ने उन ग्रामीण क्षेत्रों में अखबार भेजना बंद कर दिया है, जहां 50 से कम प्रतियां जाती हैं। वितरण की लागत घटाने के लिए समाचार पत्रों ने यह कदम उठाया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट से पहले सौंपे ज्ञापन में आईएनएस ने अखबारी कागज के आयात पर सीमा शुल्क कटौती का सुझाव दिया है। ज्ञापन में कहा गया है या तो उद्योग को प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए या कम से कम प्रकाशनों को 50 प्रतिशत बढ़े शुल्क के साथ विज्ञापन जारी कर मदद की जाए।

ज्ञापन में कहा गया है कि यदि प्रिंट मीडिया के लिए इस समय प्रोत्साहन पैकेज लाना संभव नहीं हो, तो विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) को अपने सभी विभागों के विज्ञापन 50 प्रतिशत के बढ़े शुल्क के साथ जारी करने पर विचार करना चाहिए। इससे उद्योग को काफी मदद मिलेगी।

इसके अलावा आईएनएस ने भारत के लिए समाचार पत्र पंजीयक (आरएनआई) की प्रसार प्रमाणपत्र वैधता का विस्तार 31 मार्च, 2022 तक करने की मांग की है जिससे डीएवीपी की दरें अगले साल तक समान रहेंगी।

भाषा अजय अजय महाबीर

महाबीर

 

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