एनएचएआई अगले पांच साल में राजमार्गों के किनारे वैश्विक स्तर की सुविधाओं वाले 600 केंद्र विकसित करेगा

एनएचएआई अगले पांच साल में राजमार्गों के किनारे वैश्विक स्तर की सुविधाओं वाले 600 केंद्र विकसित करेगा

एनएचएआई अगले पांच साल में राजमार्गों के किनारे वैश्विक स्तर की सुविधाओं वाले 600 केंद्र विकसित करेगा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 pm IST
Published Date: March 24, 2021 2:03 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बुधवार को कहा कि वह अगले पांच साल में राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे यात्रियों के लिये खाने, खरीदारी, आराम समेत विभिन्न वैश्विक स्तर की सुविधाओं के साथ 600 से अधिक केंद्र विकसित करेगा।

एनएचएआई ने कहा कि योजना के तहत मौजूदा और नये बन रहे राजमार्गों तथा एक्सप्रेसवे पर प्रत्येक 30 से 50 किलोमीटर पर विभिन्न सुविधाओं वाले केंद्र विकसित किये जाएंगे।

प्राधिकरण ने एक बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों के साथ-साथ ट्रक चालकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये एनएचएआई 22 राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे 600 से अधिक स्थानों पर विभिन्न सुविधाओं वाले केंद्र विकसित करेगा।

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उसने कहा कि ऐसे 120 केंद्रों के लिये बोलियां पहले ही आमंत्रित की जा चुकी हैं।

इन सुविधाओं में पेट्रोल पंप, इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, खाने की जगह, खुदरा दुकानें, बैंक एटीएम तथा नहाने की सुविधा के साथ शौचालय, बच्चों के खेलने की जगह, क्लिनिक, स्थानीय उत्पादों की खरीदारी के लिये ग्रामीण हाट शामिल हैं।

बयान के अनुसार, ‘‘ट्रक चालकों की अलग जरूरतों को देखते हुए बड़े केंद्रों पर ‘ट्रकर ब्लॉक’ बनाये जाएंगे। वहां ट्रकों और ट्रेलर के लिये अलग पार्किंग, वाहनों को ठीक कराने के लिये वर्कशॉप, ट्रक चालकों के आराम के लिये जगह, खाना पकाने और साफ-सफाई के लिये जगह, नहाने की सुविधा के साथ शौचालय, चिकित्सा क्लिनिक, ढाबा, खुदरा दुकानें आदि सुविधाएं होंगी।

एनएचएआई ने कहा कि इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इससे प्रदूषण कम होगा।

इन केंद्रों से रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। लोगों को अपने अनूठे उत्पादों/हस्तशिल्प के विपणन में मदद मिलेगी।

ये केंद्र निवेशकों, कंपनियों, परिचालकों और खुदरा कारोबारियों के लिये बड़े अवसर हैं।

फिलहाल एनएचएआई मौजूदा राजमार्गों पर इस प्रकार की सुविधाओं की पेशकश सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर कर रहा है।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर


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