विदेशों में दुर्लभ खनिज की संभावनाएं तलाश रही है एनएलसी इंडिया

विदेशों में दुर्लभ खनिज की संभावनाएं तलाश रही है एनएलसी इंडिया

विदेशों में दुर्लभ खनिज की संभावनाएं तलाश रही है एनएलसी इंडिया
Modified Date: July 27, 2025 / 11:16 am IST
Published Date: July 27, 2025 11:16 am IST

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की एनएलसी इंडिया लिमिटेड विदेशों से दुर्लभ खनिज (रेयर अर्थ) तत्व खरीदने की संभावना तलाश रही है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि कंपनी ने पश्चिम अफ्रीका के माली में लिथियम ब्लॉक और कांगो गणराज्य में तांबा और कोबाल्ट खदानों के लिए शुरुआती बातचीत भी शुरू कर दी है।

उल्लेखनीय है कि चीन ने हाल में रेयर अर्थ के निर्यात पर अंकुश लगा दिया है। इससे महत्वपूर्ण खनिज की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है। इसका इस्तेमाल घरेलू उपकरण से लेकर इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण तक में होता है।

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मोटुपल्ली ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा खान और कोयला मंत्रालय दोनों ने इस नवरत्न कंपनी को महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक और दुर्लभ मृदा तत्वों दोनों के लिए आक्रामक तरीके से संभावनाएं तलाशने को कहा है।

कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ने कहा, ‘‘हम खान मंत्रालय और कोयला मंत्रालय के संपर्क में हैं और उनकी सलाह के आधार पर हमने विदेशों में स्थित कुछ खदानों के लिए शुरुआती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसलिए, फिलहाल हम माली में कुछ लिथियम खदानों और कांगो गणराज्य में तांबे और कोबाल्ट की खानों का अध्ययन कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि अभी चीजें शुरुआती चरण में हैं और गैर-खुलासा समझौते पर हस्ताक्षर के बाद इस दिशा में आगे कदम उठाया जाएगा। समझौते पर इसी महीने हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम इसे अंतिम रूप देते समय सावधानी बरतेंगे। हम संबंधित देशों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और स्थिरता जैसे सभी कारकों को ध्यान में रखेंगे और फिर आगे बढ़ेंगे।’’

उन्होंने कहा कि कंपनी अगले पांच साल में घरेलू और विदेशी स्रोतों से 10 लाख टन महत्वपूर्ण खनिज उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रही है।

एनएलसी इंडिया के मुख्य कारोबार में कोयला और लिग्नाइट खनन के साथ-साथ बिजली उत्पादन भी शामिल है।

भाषा अजय अजय

अजय


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