2021 की पहली छमाही में एनपीए बढ़ाने का अनुमान: फिक्की-आईबीए सर्वेक्षण

2021 की पहली छमाही में एनपीए बढ़ाने का अनुमान: फिक्की-आईबीए सर्वेक्षण

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  • Publish Date - March 17, 2021 / 11:24 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

मुंबई, 17 मार्च (भाषा) फिक्की-आईबीए के एक सर्वेक्षण के मुताबिक वर्ष 2021 की पहली छमाही में बैंकों की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता बिगड़ सकती है, जिसमें 2020 की पहली छमाही में सुधार देखने को मिला था। बैंकों की सम्पत्ति की गुणवत्ता बिगड़ने का मतलब उनके द्वारा दिए गए कर्ज की वसूली में दिक्कत बढ़ने से है।

जुलाई और दिसंबर 2020 के बीच बैंकर्स सर्वेक्षण के 12वें चक्र में यह बात बात सामने आई। सर्वेक्षण सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के 20 बैंकों में किया गया, सर्वेक्षण में विदेशी बैंक भी शामिल थे।

सर्वेक्षण में करीब आधे प्रतिभागियों ने कहा कि 2020 की दूसरी छमाही में एनपीए घटा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रतिभागियों में करीब 78 प्रतिशत से एनपीए में कमी की बात स्वीकार की।

सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘‘हालांकि, भविष्य के पूर्वानुमान के लिहाज से 68 प्रतिशत प्रतिभागी बैंकरों ने कहा कि 2021 की पहली छमाही में एनपीए ( कर्ज की कुल किस्तों में वसूली में फंसे घोषित कर्ज का अनुपात) 10 प्रतिशत से अधिक होगा।’’

करीब 37 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि एनपीए 12 प्रतिशत से अधिक होगा।

इस साल जनवरी में जारी भारतीय रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट से पता चला है कि सितंबर 2021 तक बैंकों की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 13.5 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर