ढाका, 19 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश में ‘जुलाई विद्रोह’ के एक प्रमुख नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की छह दिन तक अस्पात में जीवन और मौत के बीच संघर्ष के बाद बृहस्पतिवार रात सिंगापुर में मौत हो गयी।
पिछले सप्ताह अज्ञात बंदूकधारियों ने हादी के सिर में गोली मार दी थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
देश में जुलाई 2024 में आरक्षण नियमों में सुधार की मांग को लेकर छात्रों ने व्यापक आंदोलन छेड़ा था जिसे ‘जुलाई विद्रोह’ के नाम से जाना जाता है।
हादी देश में 12 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में उम्मीदवार थे और पिछले सप्ताह नकाबपोश बंदूकधारियों ने उनके सिर में उस वक्त गोली मार दी थी जब वह ढाका के विजयनगर इलाके में चुनाव प्रचार शुरू करने जा रहे थे।
गोली मारे जाने के बाद हादी की हालत को ढाका के चिकित्सकों ने ‘‘बेहद नाजुक’’ बताया था जिसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने सोमवार को उन्हें बेहतर उपचार के लिए एयर एंबुलेंस से सिंगापुर भेजा था।
अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने बृहस्पतिवार रात को टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में हादी की मौत की पुष्टि की और उनके हत्यारों को पकड़ने के लिए त्वरित कार्रवाई का वादा किया।
यूनुस ने कहा, ‘‘आज मैं आपके समक्ष अत्यंत दुखद समाचार लेकर आया हूं। ‘जुलाई विद्रोह’ के निडर योद्धा और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी अब हमारे बीच नहीं रहे।’’
यूनुस ने हादी के हत्यारों को पकड़ने के लिए त्वरित कार्रवाई का वादा किया और एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की।
उन्होंने इस घटना में शामिल लोगों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाने का संकल्प लिया और कहा, ‘‘हत्यारों के प्रति कोई नरमी नहीं दिखाई जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं – धैर्य और संयम बनाए रखें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य संबंधित संगठनों को पेशेवर तरीके से जांच करने का अवसर दिया जाए।’’ यूनुस ने यह भी कहा कि राष्ट्र कानून के शासन की स्थापना के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
हादी की मौत की घोषणा के बाद ढाका विश्वविद्यालय परिसर के पास राजधानी के शाहबाग चौराहे पर सैकड़ों छात्र और लोग जमा हो गए और ‘‘तुम कौन हो, मैं कौन हूं – हादी, हादी’’ जैसे नारे लगाए।
‘जातीय छात्र शक्ति’ नामक एक छात्र समूह ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर में मातमी जुलूस निकाला और प्रदर्शन में शामिल होने के लिए शाहबाग की ओर मार्च किया।
भाषा सुरभि शोभना
शोभना