बायोमास पैलेट की आपूर्ति के लिये एनटीपीसी ने मंगायी बोलियां

बायोमास पैलेट की आपूर्ति के लिये एनटीपीसी ने मंगायी बोलियां

बायोमास पैलेट की आपूर्ति के लिये एनटीपीसी ने मंगायी बोलियां
Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 pm IST
Published Date: September 27, 2020 1:39 pm IST

नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) सरकारी बिजली कंपनी एनटीपीसी ने अपने तापीय बिजली संयंत्रों में भट्ठियों में आग लगाने में प्रयोग होने वाले बायोमास पैलेट (गोले) की आपूर्ति के लिये बोलियां मंगायी है।

मलबे और भूसी से बने गोलों का उपयोग देश भर में एनटीपीसी के कोयले से चलने वाले 17 बिजली संयंत्रों में किया जायेगा। यह देश में पराली जलाये जाने में कमी लाने के लिये किया जा रहा है।

एनटीपीसी ने कोयले के साथ-साथ अपने बिजली संयंत्रों की भट्ठियों में आग लगाने के लिये बायोमास गोलों के 60 लाख टन की खरीद करने की जनवरी में घोषणा की थी। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया था कि एक टन गोलों की कीमत लगभग सात हजार रुपये है।

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एनटीपीसी लिमिटेड ने रविवार को जारी एक बयान में कहा, घरेलू प्रतिस्पर्धा के आधार पर विभिन्न तापीय बिजली संयंत्रों के लिये बायोमास गोलों की खरीद को लेकर बोलियों को आमंत्रित किया गया है, जो कि कृषि क्षेत्र में फसल अवशेषों को जलाने को कम करने के प्रयास के तहत है।

कंपनी ने एनटीपीसी कोरबा (छत्तीसगढ़), एनटीपीसी फरक्का (पश्चिम बंगाल), एनटीपीसी दादरी (उत्तर प्रदेश), एनटीपीसी कुड़गी (कर्नाटक), एनटीपीसी सीपत (छत्तीसगढ़), और एनटीपीसी रिहंद (उत्तर प्रदेश) सहित अपने 17 बिजली संयंत्रों में चालू वर्ष में 50 लाख टन बायोमास पैलेट खपत करने की योजना तैयार की है।

कंपनी के पास 24 कोयला आधारित तापीय बिजली संयंत्र हैं। इसके अलावा संयुक्त उपक्रमों या सहायक कंपनियों के तहत नौ अतिरिक्त कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र हैं।

एनटीपीसी ने कहा कि उसने पहली बार 2017 में परीक्षण के आधार पर यह पहल की थी।

कंपनी ने अलग से एक बयान में बताया कि उसने बिहार में सुपरक्रिटिकल तापीय बिजली संयंत्र की 660 मेगावाट की इकाई को सफलतापूर्वक ग्रिड से जोड़ लिया है, जिससे बिजली के वाणिज्यिक उत्पादन में मदद मिलेगी।

कंपनी पटना जिले के बाढ़ में 3,200 एकड़ भूमि में फैले संयंत्र में 660-660 मेगावाट क्षमता वाली पांच बिजली उत्पादक इकाइयां लगा रही है।

एक अधिकारी ने कहा कि पहले चरण की तीन इकाइयों के निर्माण कार्य में रूस की कंपनी टेक्नोप्रोम एक्सपोर्ट के साथ ‘अनुबंध, निष्पादन और समयसीमा’ से संबंधित मुद्दों के कारण देरी हुई। दूसरे चरण की 660-660 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां पहले ही लगायी जा चुकी हैं और परिचालन में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘बाढ़ संयंत्र के पहले चरण की 660 मेगावाट की पहली इकाई को आज सुबह 7.32 बजे ग्रिड के साथ सफलतापूर्वक जोड़ लिया गया। संयंत्र ने वांछित क्षमता हासिल कर ली है।’’

भाषा सुमन मनोहर

मनोहर


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