Oil price hike : आम जनता को दिवाली पर लगेगा महंगाई का झटका, महंगा होगा खाने का तेल!… सरकार उठाएगी बड़ा कदम
Oil price hike : देश के सबसे बड़े त्योहार की तैयारियों में लगी आम जनता को जल्द ही महंगाई का एक और बड़ा झटका लगा सकता हैं।
Cooking oil price Reduced
नई दिल्ली : Oil price hike : देश के सबसे बड़े त्योहार की तैयारियों में लगी आम जनता को जल्द ही महंगाई का एक और बड़ा झटका लगा सकता हैं। सूत्रों की माने तो सरकार पाम ऑयल पर आयात शुल्क बढ़ाने की तैयारी में है। अगर सरकार ऐसा कदम उठती है तो खाने के तेल के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है। हाल ही में सरकार ने आयात शुल्क में कटौती कर खाद्य तेल की कीमतों को नीचे लाने की कोशिश की थी, लेकिन घरेलू बाजार के बदले समीकरणों को देखते हुए एक बार फिर आयात शुल्क में बढ़ोतरी की जा सकती है।
सरकार ने की थी बेसिक इम्पोर्ट टैक्स में कटौती
Oil price hike : सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि घरेलू बाजार में तिलहन की कीमतों पर दबाव है और देश के लाखों किसानों को इससे नुकसान उठाना पड़ सकता है। व्यापारी सीमा पार से सस्ती कीमत पर तेल आयात कर रहे हैं, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार सीमा पार से आयात किए जाने वाले पाम तेल पर टैक्स बढ़ाने का कदम उठा सकती है, ताकि व्यापारी आयात करने के बजाए घरेलू किसानों से तिलहन की खरीद बढ़ाएं और किसानों को उचित कीमत मिल सके। गौरतलब है कि साल की शुरुआत में सरकार ने कच्चे पाम ऑयल की कीमतों पर लगाम कसने के लिए बेसिक इम्पोर्ट टैक्स में कटौती की थी। हालांकि, इस पर एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस के रूप में 5 फीसदी टैक्स वसूला जा रहा था।
आयात शुल्क दोबारा लगाने का प्रस्ताव
Oil price hike : मामले से जुड़े सरकारी सूत्रों ने बताया कि हमें रिफाइंड, ब्लीच्ड और डियोडराइज्ड (RBD) पाम तेल पर आयात शुल्क दोबारा लगाने का प्रस्ताव मिला है, जो पहले 12.5 फीसदी था। हम इस पर कोई भी फैसला लेने से पहले उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों की समीक्षा करेंगे। एक अन्य सरकारी सूत्र ने कहा कि हमें उद्योगों की ओर से भी आयात टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव मिला है। उनका कहना है कि तिलहन की गिरती कीमतों को थामने के लिए आयात पर लगाम कसना बहुत जरूरी है।
कम हुए सोयाबीन और मूंगफली के दाम
Oil price hike : सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में घरेलू बाजार में सोयाबीन और मूंगफली की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है। आलम ये है कि देश के कुछ हिस्सों में नई फसल एमएसपी से भी कम कीमत पर बिक रही है। गुजरात देश में मूंगफली का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है और यहां होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए जल्द किसानों के हित में आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है।

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