कच्चे तेल के औसत दाम औसतन 65 डॉलर होने पर, हो सकता है रिलायंस-अरामको करार: रिपोर्ट

कच्चे तेल के औसत दाम औसतन 65 डॉलर होने पर, हो सकता है रिलायंस-अरामको करार: रिपोर्ट

कच्चे तेल के औसत दाम औसतन 65 डॉलर होने पर, हो सकता है रिलायंस-अरामको करार: रिपोर्ट
Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 pm IST
Published Date: March 26, 2021 1:03 pm IST

नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट तथा अरामको की वार्षिक 75 अरब डॉलर का लाभांश देने की प्रतिबद्धता के चलते सऊदी अरब की कंपनी के रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के साथ सौदे में विलंब हुआ है। अरामको द्वारा रिलायंस की तेल-से-रसायन इकाई (ओ2सी) में हिस्सेदारी खरीदी जानी है, लेकिन यह सौदा पूरा नहीं हो पाया है।

अनुसंधान कंपनी जेफ्रीज की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी ने अगस्त, 2019 में घोषणा की थी कि ओ2सी कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए बातचीत चल रही है। इसमें गुजरात के जामनगर की दो तेल रिफाइनरियां और पेट्रोरसायन परिसंपत्तियां शामिल हैं।

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यह सौदा मार्च, 2020 तक पूरा होना था, लेकिन इसमें विलंब हुआ। हालांकि, दोनों ही कंपनियों ने विलंब की कोई वजह नहीं बताई है।

जेफ्रीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की दिग्गज सऊदी अरामको ने हाल में भारत और चीन में मूल्यवर्धन की उत्तरवर्ती कड़ियों में निवेश पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। रिलायंस के ओ2सी कारोबार में निवेश के जरिये वह चीन में इस मॉडल को दोहराना चाहती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और अरामको की 75 अरब डॉलर की लाभांश की प्रतिबद्धता की वजह से इस सौदे में विलंब हुआ है। ‘‘हमारा विचार है कि कच्चे तेल के 65 डॉलर प्रति बैरल के दाम यह सौदा होने की दृष्टि से पर्याप्त हैं।’’

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर


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