ओपेक ने की भारत की अपल पर ध्यान नहीं दिया; सऊदी अरब ने सस्ते स्टॉक उपयोग करने की सलाह दी

ओपेक ने की भारत की अपल पर ध्यान नहीं दिया; सऊदी अरब ने सस्ते स्टॉक उपयोग करने की सलाह दी

ओपेक ने की भारत की अपल पर ध्यान नहीं दिया; सऊदी अरब ने सस्ते स्टॉक उपयोग करने की सलाह दी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:40 pm IST
Published Date: March 5, 2021 12:44 pm IST

नयी दिल्ली, पांच मार्च (भाषा) पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगी देशों द्वारा उत्पादन पर लागू नियंत्रण में उठाने की भारत की अपील को अनुसुना कर दिये जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ गये।

सउदी अरब ने भारत से कहा कि वह पिछले साल जब कच्चे तेल के दाम काफी नीचे चले गये थे उस समय खरीदे गये कच्चे तेल का इसतेमाल कर सकता है।

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कच्चे तेल का सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाले ब्रेंट कच्चे तेल का भाव शुक्रवार को करीब एक प्रतिशत बढ़कर 67.44 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

ओपेक और उसके सहयोगी देशों, जिन्हें ओपेक प्लस के नाम से जाना जाता है, ने अपने बेठक में इस बात पर सहमति जताई कि अप्रैल में कच्चे तेल का उत्पादन नहीं बढ़ाया जाना चाहिये। इन देशों का मानना है कि मांग में और मजबूत सुधार आने देने की प्रतीक्षा करनी चाहिये।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ओपेक देशों की बृहस्पतिवार को होने वाली बैठक से पहले इन देशों से अपील की थी कि कच्चे तेल के दाम में स्थिरता लाने के लिये वह उत्पादन पर लागू बंदिशों को कम करें।

उनका मानना था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ते कच्चे तेल के दाम से आर्थिक क्षेत्र में आने वाला सुधार और मांग दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है।

ओपेक देशों की बैठक के बाद संवददाता सम्मेलन में भारत के आग्रह के बारे में पूछे गये सवाल पर सउदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलाजीज बिन सलमान ने कहा कि भारत को पिछले साल काफी कम दाम पर खरीदे गये कच्चे तेल के भंडार में से कुछ तेल का इस्तेमाल कर लेना चाहिये।

भारत ने पिछले साल जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम काफी कम दाम पर चल रहे थे अपने रणनीतिक भंडारों को भरने के लिये एक करोड़ 67 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद की थी। उस कच्चे तेल का औसत मूल्य 19 डालर प्रति बैरल पड़ा था। प्रधान ने 21 सितंबर 2020 को राज्य सभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी थी।

बहरहाल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बाद देश में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें एतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच चुकी हैं। तेल कंपनियों ने यदि कच्चे तेल के दाम में आई ताजा वृद्धि को भी ग्राहकों पर डाल दिया तो इनकी खुदरा कीमतें और बढ़ जायेंगी।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर


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