अर्थव्यवस्था के अहम् क्षेत्रों में जुलाई में उत्पादन में स्थिति सुधरी: एसोचैम | Output situation improves in July in key sectors of economy: ASSOCHAM

अर्थव्यवस्था के अहम् क्षेत्रों में जुलाई में उत्पादन में स्थिति सुधरी: एसोचैम

अर्थव्यवस्था के अहम् क्षेत्रों में जुलाई में उत्पादन में स्थिति सुधरी: एसोचैम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:01 PM IST, Published Date : September 7, 2020/1:25 pm IST

नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) देश की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में गिरावट का सिलसिला जुलाई माह में काफी धीमा पड़ा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम ने सोमवार को यह कहा।

उल्लेखनीय है कि अप्रैल-जून तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।

एसोचैम द्वारा किये गये विश्लेषण के मुताबिक जुलाई 2020 के दौरान सीमेंट, इस्पात और कोयल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। हालांकि, सालाना आधार पर इनके आंकड़े गिरावट दर्शाते हैं लेकिन इनमें तेजी से सुधार आया है। पहली तिमाही में इन क्षेत्रों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी।

एसोचैम के मुताबिक कोयला उत्पादन में 2020- 21 की पहली तिमाही के दौरान 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। लेकिन जुलाई माह में यह गिरावट कम होकर 5.7 प्रतिशत रह गई। इसी प्रकार अप्रैल- जून में 38.3 प्रतिशत की तीव्र गिरावट के बाद सीमेंट उत्पादन में जुलाई में गिरावट 13.5 प्रतिशत रह गई।

विश्लेषण में कहा गया है कि देश कोविड- 19 के खिलाफ अप्रत्याशित लड़ाई लड़ रहा है और ऐसा करते हुये अर्थव्यवस्था पर कम से कम असर हो इसकी हर संभव कोशिश की जा रही है। इस स्थिति में अर्थव्यवसथा के प्रमुख क्षेत्र नई परिस्थितियों में बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।

एसोचैम के महासिचव दीपक सूद ने कहा, ‘‘चाहे कारखाने में काम करने वाला श्रमिक है अथवा कार्यालय जाने वाला व्यक्ति और चाहे किसी कंपनी का सीईओ सभी नई परिस्थितियों के मुताबिक खुद को ढालने में लगे हैं। उनमें विश्वास बढ़ने से आने वाले समय में स्थिति से उबरने में मदद मिलेगी।’’

उद्योग मंडल ने कहा है कि अप्रैल- जून में 56.8 प्रतिशत की गिरावट के बाद इस्पात उत्पादन में सुधार आया है और जुलाई माह में यह गिरावट 16.4 प्रतिशत रह गई।

एसोचैम ने कहा है कि विश्लेषण में उसने उत्पादन और खपत को समान स्तर पर माना है, क्योंकि उसके गोदामों में रखे माल के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर

 

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