नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों ने अगस्त में 13.85 लाख करोड़ रुपये मूल्य से अधिक के 4.87 करोड़ से ज्यादा ई-वे बिल निकाले। इससे देश में आर्थिक गतिविधियों में सुधार आने का संकेत मिलता है।
माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के लिए सूचना प्रौद्योगिकी समाधान देने वाली कंपनी जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आयी है।
जीएसटी व्यवस्था के तहत 50,000 रुपये मूल्य से अधिक के सामान को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने पर ई-वे बिल लेना अनिवार्य होता है। हालांकि, सामान के मूल्य की सीमा राज्यों के हिसाब से अलग-अलग भी हो सकती है।
जीएसटीएन के आंकड़ों के हिसाब से जुलाई में 13.66 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 4.76 करोड़ ई-वे बिल बनाए गए थे।
इससे पहले जून में यह 12.40 लाख करोड़ रुपये के 4.27 करोड़ ई-वे बिल, मई में 8.98 लाख करोड़ रुपये के 2.51 करोड़ ई-वे बिल और अप्रैल में 3.90 लाख करोड़ रुपये के 84.53 लाख ई-वे बिल कारोबारियों ने प्रणाली से निकाले।
लॉकडाउन से पहले फरवरी में 15.39 लाख करोड़ रुपये के 5.63 करोड़ ई-वे बिल बने थे।
जीएसटीएन ने एक बयान में कहा कि कारोबारी अब राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा संचालित ई-वे बिल पोर्टल से पिछले एक माह के ई-वे बिल आंकड़ों को डाउनलोड कर सकते हैं।
अभी तक करदाता मात्र पांच दिन की अवधि के ई-वे बिल ही डाउनलोड कर सकते थे।
जीएसटीएन ने कहा कि करदाताओं की मांग को ध्यान में रखते हुए इस प्रणाली को बेहतर किया गया है। इसके बाद अब वे एक बार में एक महीने तक के ई-वे बिल डाउनलोड कर सकेंगे। यह सुविधा वर्तमान में रोजाना सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच उपलब्ध होगी जिससे ई-वे प्रणाली पर अपने अन्य दैनिक कार्यों पर दबाव न बढ़े।
भाषा
शरद महाबीर
महाबीर
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अडाणी समूह को सेबी के नोटिस से भाजपा के झूठे…
10 hours agoCooking Oil Price : शादियों के सीजन में लगातार घट…
10 hours ago