नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने भविष्य निधि निकाय ईपीएफओ के शीर्ष प्रबंधन बोर्ड में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का प्रतिनिधित्व न होने का जिक्र करते हुए श्रम मंत्रालय से योग्य ओबीसी उम्मीदवार को वरीयता देने को कहा है।
अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण पर गठित संसद की तदर्थ समिति ने अपनी 19वीं रिपोर्ट में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं होने और इस स्थिति में सुधार के लिए जरूरी कदमों का उल्लेख किया है।
सोमवार को संसद में पेश की गई संसदीय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, ईपीएफओ के शीर्ष प्रबंधन निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) में 41 पूर्णकालिक कार्यकारी सदस्य हैं लेकिन आज की तारीख में कोई भी सदस्य ओबीसी समुदाय से ताल्लुक नहीं रखता है। इस तरह ईपीएफओ के शीर्ष प्रबंधन में ओबीसी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
संसदीय समिति ने कहा है कि निदेशक मंडल में नियुक्तियां सीधे सरकार कर रही है और इनमें आरक्षण का कोई भी प्रावधान नहीं है। हालांकि, समिति ने सुझाव दिया है कि नियुक्ति के लिए निर्धारित शर्तों को पूरा करने वाले ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवार को वरीयता दी जानी चाहिए।
इसके साथ ही समिति ने ईपीएफओ के भीतर सभी स्तरों पर ओबीसी समुदाय से संबंधित कर्मचारियों का बहुत कम प्रतिनिधित्व होने का भी जिक्र किया है। संगठन के भीतर ग्रुप-ए स्तर पर 15.91 प्रतिशत, ग्रुप-बी स्तर पर 10.89 प्रतिशत और ग्रुप-सी स्तर पर 19.88 प्रतिशत कर्मचारी ही ओबीसी तबके के हैं।
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प्रेम अजय
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