जीएसटी दर बढ़ने से पेट्रोलियम खोज एवं उत्पादन हो जाएगा महंगा
जीएसटी दर बढ़ने से पेट्रोलियम खोज एवं उत्पादन हो जाएगा महंगा
नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) जीएसटी परिषद के फैसले के बाद देश में तेल और गैस की खोज एवं उत्पादन महंगा हो जाएगा। इसकी वजह यह है कि इस क्षेत्र में प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर कर की दर 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है।
जीएसटी परिषद की बुधवार को हुई बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। नई दरें 22 सितंबर से लागू हो जाएंगी।
एक आधिकारिक नोट के मुताबिक, पेट्रोलियम कच्चे तेल या प्राकृतिक गैस की खोज, खनन अथवा ड्रिलिंग से संबंधित सेवाओं पर अब माल एवं सेवा कर (जीएसटी) 18 प्रतिशत की दर से लगेगा और इसके साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) भी मिलेगा। यही व्यवस्था इस क्षेत्र की सहयोगी सेवाओं के लिए भी होगी।
रेटिंग एजेंसी इक्रा लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत वशिष्ठ ने कहा, ‘‘कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के जीएसटी के दायरे से बाहर होने के कारण इनकी बिक्री पर टैक्स ऑफसेट उपलब्ध नहीं होगा। कंपनियां उत्पादन पर दिए गए अतिरिक्त जीएसटी को बिक्री के समय समायोजित नहीं कर पाएंगी जिससे उनके लिए फंसे हुए कर की स्थिति पैदा होगी।’’
उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2025 से वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और ओपेकप्लस द्वारा उत्पादन कटौती में ढील देने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल एवं गैस के दाम काफी घट गए हैं। ऐसे में उत्पादन लागत बढ़ने और दामों में कमी आने से पेट्रोलियम खोज एवं उत्पादन क्षेत्र के लिए दोहरी चुनौती पैदा होगी।
चॉइस इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के धवल पोपट ने कहा कि तेल और गैस की खोज, उत्पादन और पाइपलाइन सेवाओं पर जीएसटी दर 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने से परिचालन लागत बढ़ेगी और पेट्रोलियम कंपनियों का मुनाफा घटेगा।
उन्होंने कहा कि अधिक जीएसटी दर से खोज एवं उत्पादन परियोजनाएं प्रतिस्पर्धी नहीं रह जाएंगी जिससे घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात निर्भरता घटाने के प्रयासों को झटका लगेगा।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय

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