सेवानिवृत्ति तक बढ़िया कोष बनाने के लिए पीएफआरडीए ला रहा नई योजना |

सेवानिवृत्ति तक बढ़िया कोष बनाने के लिए पीएफआरडीए ला रहा नई योजना

सेवानिवृत्ति तक बढ़िया कोष बनाने के लिए पीएफआरडीए ला रहा नई योजना

:   Modified Date:  June 21, 2024 / 05:11 PM IST, Published Date : June 21, 2024/5:11 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) पेंशन कोष नियामक पीएफआरडीए युवाओं के बीच नई पेंशन व्यवस्था (एनपीएस) को आकर्षक बनाने के लिए ‘न्यू बैलेंस्ड लाइफ साइकिल फंड’ पेश करने की तैयारी में है। इससे सेवानिवृत्ति तक अंशधारक को एक अच्छा-खासा कोष बनाने में मदद मिलेगी।

पीएफआरडीए की इस प्रस्तावित योजना के तहत इक्विटी कोष में लंबे समय तक अधिक निवेश राशि आवंटित की जा सकेगी। इस योजना के अंतर्गत अंशधारक के 45 साल का होने पर इक्विटी निवेश में धीरे-धीरे कमी आएगी जबकि अभी 35 साल से यह कटौती शुरू हो जाती है।

इस तरह एनपीएस से जुड़ने वाले अंशधारकों को 45 साल की उम्र तक इक्विटी फंड में अधिक निवेश राशि आवंटित करने की सुविधा मिलेगी। इससे उन्हें सेवानिवृत्ति तक एक बढ़िया कोष तैयार करने में मदद मिलेगी।

पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन दीपक मोहंती ने शुक्रवार को यहां कहा, ‘‘हम अधिक लंबे समय तक इक्विटी शेयर फंड में निवेश आवंटित करने को लेकर दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में ‘न्यू बैलेंस्ड लाइफ साइकिल फंड’ लेकर आएंगे। इससे इक्विटी कोष में लंबे समय तक अधिक आवंटन किया जा सकेगा।’’

उन्होंने अटल पेंशन योजना से संबंधित एक कार्यक्रम में कहा कि एनपीएस की इस नई योजना के अंतर्गत 45 साल के उम्र से इक्विटी निवेश में धीरे-धीरे कमी आएगी जबकि अभी 35 साल से ही यह कटौती शुरू हो जाती है।

ऐसा होने पर एनपीएस का विकल्प चुनने वाले लोग लंबे समय तक इक्विटी कोष में अधिक राशि का निवेश कर सकेंगे। इससे दीर्घकाल में पेंशन कोष बढ़ेगा जबकि जोखिम और रिटर्न के बीच संतुलन भी स्थापित होगा।

मोहंती ने अटल पेंशन योजना (एपीवाई) का जिक्र करते हुए कहा कि बीते वित्त वर्ष 2023-24 में एपीवाई से 1.22 लाख नये अंशधारक जुड़े। योजना शुरू होने के बाद से किसी एक वित्त वर्ष में अब तक की यह सर्वाधिक संख्या है।

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 1.3 करोड़ अंशधारकों के इस योजना से जुड़ने की उम्मीद है।

पीएफआरडीए के मुताबिक, जून 2024 तक एपीवाई से जुड़ने वाले अंशधारकों की कुल संख्या 6.62 करोड़ को पार कर जाने का अनुमान है।

भाषा

रमण प्रेम

प्रेम

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)