नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) कॉरपोरेट प्रशासन और जवाबदेही में सुधार के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कोयला मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सभी अनुषंगी कंपनियों को 2030 तक शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराए। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
इस कदम का मकसद सीआईएल में प्रशासन को सुव्यवस्थित करना, पारदर्शिता बढ़ाना और परिसंपत्ति मौद्रिकरण के जरिए मूल्य सृजन करना है। कोल इंडिया लिमिटेड देश के कुल घरेलू कोयला उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान देती है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों को 2030 तक सूचीबद्ध करने की योजना है। उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि कंपनी के कामकाज को मजबूत बनाने के लिए यह निर्देश सीधे पीएमओ की ओर से दिया गया है।
कोल इंडिया अपनी आठ अनुषंगी कंपनियों के माध्यम से परिचालन करती है, जिनमें ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड, सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड, वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड और सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड को मार्च 2026 तक शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया जाना है, जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बीसीसीएल के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रोडशो भी पूरे हो चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि भारत कोकिंग कोल लिमिटेड को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया पूरी गति से चल रही है और इसमें किसी प्रकार की रोक या देरी नहीं है।
भाषा पाण्डेय
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