पंजाब, हरियाणा से पिछले तीन दिनों में एमएसपी पर 44,809 टन खरीफ धान की खरीद

पंजाब, हरियाणा से पिछले तीन दिनों में एमएसपी पर 44,809 टन खरीफ धान की खरीद

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  • Publish Date - September 30, 2020 / 02:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:28 PM IST

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) पंजाब और हरियाणा से पिछले तीन दिनों में केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लगभग 44,809 टन खरीफ धान की खरीद की है। इसके लिए 84.60 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।

केंद्र सरकार खरीद के आंकड़े प्रतिदिन जारी करती है। ये आंकड़े नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को संदेश देता है कि सरकार एमएसपी खरीद प्रक्रिया को जारी रखे है।

पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ कई अन्य राज्यों के किसान नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, जिसके बारे में उन्हें लगता है कि इससे खरीद का काम कॉरपोरेट हाथों में चला जायेगा और एमएसपी की व्यवस्था समाप्त हो जायेगी।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि खरीफ फसलों की आवक अभी शुरू हुई है और एमएसपी पर खरीद जोरों पर है।

पंजाब और हरियाणा से क्रमश: 41,303 टन और 3,506 टन धान की खरीद की गई है, जो कि पिछले तीन दिनों में 29 सितंबर तक 1,888 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी दर पर खरीदी गई।

इस अवधि में हरियाणा और पंजाब के 2,950 किसानों से एमएसपी पर 84.60 करोड़ रुपये का भुगतान कर कुल 44,809 टन धान खरीद की गई है।

पंजाब और हरियाणा में 26 सितंबर से धान की खरीद शुरू हुई, जबकि 28 सितंबर से बाकी राज्यों में यह खरीद शुरु हुई।

चालू वर्ष के लिए, सरकार ने धान का एमएसपी (सामान्य ग्रेड) 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि ए-ग्रेड किस्म के लिए 1,888 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी तय किया गया है।

इसके अलावा, मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत, सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 33 लाख रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान कर 46.35 टन मूंग की खरीद की है, जिससे तमिलनाडु के 48 किसानों को फायदा हुआ है।

इसी तरह, 52.40 करोड़ रुपये के एमएसपी का भुगतान कर 5,089 टन ​​खोपरा यानी नारियल गिरी (बारहमासी फसल) को पिछले तीन दिनों में खरीदा गया जिससे कर्नाटक और तमिलनाडु में 3,961 किसान लाभान्वित हुए।

मंत्रालय ने कहा कि उसने तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और हरियाणा से 14.09 लाख टन खरीफ दलहनों और तिलहन की खरीद के लिए मंजूरी दी है। अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए प्रस्ताव प्राप्त होने पर स्वीकृति दी जाएगी।

कपास की 2020-21 सत्र के लिए खरीद एक अक्टूबर से शुरू होगी।

भाषा राजेश राजेश शरद

शरद