खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिए कार्यक्रम प्रबंधन इकाई का होगा गठन

खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिए कार्यक्रम प्रबंधन इकाई का होगा गठन

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  • Publish Date - April 14, 2025 / 03:07 PM IST,
    Updated On - April 14, 2025 / 03:07 PM IST

नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) खान मंत्रालय ने खनन से संबंधित गतिविधियों से प्रभावित लोगों के विकास को सुगम बनाने तथा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिए राज्यों के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करने को लेकर कार्यक्रम प्रबंधन इकाई स्थापित करने की योजना बनाई है।

सरकार ने वर्ष 2025 में प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) शुरू की थी। इसका उद्देश्य खनन संबंधित कार्यों से प्रभावित क्षेत्रों तथा लोगों का कल्याण करना है। इसके लिए जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) द्वारा खनन अधिनियम के तहत प्राप्त होने वाले धन का उपयोग किया जाएगा।

इसी के तहत, केंद्र ने संबंधित राज्य सरकारों को डीएमएफ के लिए उनके द्वारा बनाए गए नियमों में पीएमकेकेकेवाई को शामिल करने तथा उक्त योजना को लागू करने का निर्देश दिया।

खान मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि वह जिला खनिज फाउंडेशन/प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना की दक्षता तथा प्रभाव में सुधार के लिए कई पहल कर रहा है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘खान मंत्रालय ने पीएमकेकेकेवाई दिशानिर्देशों में निर्धारित उद्देश्य के अनुसार योजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार/डीएमएफ जिलों के साथ प्रभावी समन्वय, खनन क्षेत्रों/प्रभावित लोगों के विकास/कल्याण को सुविधाजनक बनाने के लिए कार्यक्रम प्रबंधन इकाई स्थापित करने को एक परामर्शदाता कंपनी की सेवाएं लेने की योजना बनाई है।’’

खान मंत्रालय ने योजना की पहुंच बढ़ाने और खनन प्रभावित क्षेत्रों के सतत व्यापक विकास को सुनिश्चित करने के लिए पिछले साल संशोधित पीएमकेकेकेवाई दिशानिर्देश जारी किए थे।

संशोधित पीएमकेकेकेवाई दिशानिर्देश 2024 डीएमएफ को आकांक्षी जिला कार्यक्रम और आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम के तहत लक्ष्यों को प्राप्त करने को प्राथमिकता देने, इन चिन्हित जिलों और प्रखंडों में विकास परियोजनाओं के लिए प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने और धन आवंटित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, जिला खनिज फाउंडेशन कोष का कम-से-कम 70 प्रतिशत केवल सीधे प्रभावित क्षेत्र में खर्च किया जाएगा।

भाषा रमण अजय

अजय