ताप्ती गैस क्षेत्र की अपतटीय इकाइयों को बंद करने की परियोजना संपन्न

ताप्ती गैस क्षेत्र की अपतटीय इकाइयों को बंद करने की परियोजना संपन्न

ताप्ती गैस क्षेत्र की अपतटीय इकाइयों को बंद करने की परियोजना संपन्न
Modified Date: May 5, 2025 / 05:45 pm IST
Published Date: May 5, 2025 5:45 pm IST

नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) शेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी के संयुक्त उद्यम ने अरब सागर में स्थित मध्य एवं दक्षिण ताप्ती गैस क्षेत्र में अपनी अपतटीय इकाइयों को सुरक्षित रूप से बंद करने की भारत की पहली परियोजना सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।

संयुक्त उद्यम की भागीदार कंपनियों ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। मुंबई से 160 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित ताप्ती क्षेत्र से उत्पादन 2016 में बंद हो गया था।

इस परियोजना के तहत पांच वेलहेड प्लेटफॉर्म और उनसे जुड़ी पाइपलाइनों को हटाया गया, 38 कुओं को सुरक्षित रूप से बंद किया गया और उपकरणों को नष्ट करने के लिए किनारे पर ले जाया गया।

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यह काम सरकार द्वारा स्वीकृत उच्च सुरक्षा और पर्यावरण मानकों का पालन करते हुए किया गया।

ताप्ती गैस क्षेत्र के भाग ए की कुछ इकाइयां ओएनजीसी को सौंप दी गईं जबकि भाग बी की इकाइयों को संयुक्त उद्यम द्वारा बंद किया गया।

इस उद्यम में शेल के पास 30 प्रतिशत, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के पास 40 प्रतिशत और रिलायंस के पास शेष 30 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) को अपतटीय निष्पादन और और चौगुले शिपयार्ड (सीएलएसपीएल) को किनारे पर विघटन के लिए मुख्य अनुबंध दिए गए थे।

शेल, रिलायंस और ओएनजीसी ने अपने बयान में इस उपलब्धि को भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि यह जिम्मेदार डीकमीशनिंग और स्थानीय क्षमताओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भाषा प्रेम प्रेम पाण्डेय

पाण्डेय


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