एमसीडी के क्षेत्र में संपत्ति कर रसीद अब फैक्टरी लाइसेंस के रूप में मान्य

एमसीडी के क्षेत्र में संपत्ति कर रसीद अब फैक्टरी लाइसेंस के रूप में मान्य

एमसीडी के क्षेत्र में संपत्ति कर रसीद अब फैक्टरी लाइसेंस के रूप में मान्य
Modified Date: July 10, 2025 / 10:16 pm IST
Published Date: July 10, 2025 10:16 pm IST

नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) दिल्ली के अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों में कारखाना मालिकों को अब दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से अलग लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। नए नियम के तहत कारखाना मालिकों की संपत्ति कर रसीद को वैध फ़ैक्टरी लाइसेंस माना जाएगा।

एमसीडी ने बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके तहत दिल्ली सरकार और सूक्ष्म, लघु एवं मझोला उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के उद्यम पंजीकरण प्रमाणपत्रों को दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 की धारा 416 और 417 के तहत ‘फैक्टरी लाइसेंस’ माना जाएगा।

कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निगम की आम बैठक में पारित प्रस्ताव से दिल्ली सरकार या दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (डीएसआईआईडीसी) द्वारा अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों में एमसीडी द्वारा जारी फैक्टरी लाइसेंस की आवश्यकता समाप्त हो गई है।

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इन इलाकों के फैक्टरी मालिक अब अपने सालाना संपत्ति कर का पांच प्रतिशत लाइसेंस शुल्क के रूप में अदा करेंगे। एक ही रसीद, संपत्ति कर भुगतान और फैक्टरी लाइसेंस, दोनों का प्रमाण होगी। इस तरह बार-बार निरीक्षण का दौर खत्म होगा और अधिकारियों द्वारा वसूली की गुंजाइश कम होगी।

दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि नई व्यवस्था से एमसीडी अधिकारियों द्वारा अनावश्यक निरीक्षण कम होंगे।

भाषा अनुराग अजय

अजय


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