तम्बाकू उत्पाद कानून में प्रस्तावित संशोधन से रोजगार संकट और बढ़ेगा: एफएआईएफए
तम्बाकू उत्पाद कानून में प्रस्तावित संशोधन से रोजगार संकट और बढ़ेगा: एफएआईएफए
नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) किसान संगठन एफएआईएफए ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के संदर्भ में कानून में संशोधन के लिए प्रस्तावित विधेयक, बेरोजगारी संकट को और बढ़ा देगा तथा लाखों छोटे दुकान मालिकों और किराना स्टोरों की आजीविका दांव पर होगी।
एफएआईएफए, जो आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात में इस वाणिज्यिक फसलों की पैदावार में लगे किसानों एवं कृषि श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है। उसने यह भी कहा कि प्रस्तावित ‘कोटपा’ (सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) संशोधन विधेयक, 2020 यदि लागू किया जाता है, तो इसका उन एफसीवी (फ्लू क्योर वर्जीनिया) किसानों की आजीविका “और अधिक घातक प्रभाव” होगा जो अपने शुष्क क्षेत्रों में समान तरह के लाभकारी फसल को नहीं उगा सकते।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित सीओटीपीए (कोटपा) में संशोधन के तहत बाकी अन्य चीजों के अलावा सिगरेट की खुदरा बिक्री की अनुमति नहीं है, यह 21 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाता है, बिक्री वाली इुकानों पर विज्ञापन और प्रचार पर नियंत्रण लगाता है।
एफएआईएफए के अध्यक्ष जावरे गौड़ा ने एक बयान में कहा कि नीति निर्माता कठोर तंबाकू नियमों को लागू कर रहे हैं, हालांकि, उनकी वास्तविक समस्याओं के बारे में कोई बात या कार्रवाई नहीं की गई है।
‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ पर आयोजित एक वेबिनार में गौड़ा ने कहा, ‘‘कोटपा संशोधन विधेयक के तहत प्रतिकूल प्रस्तावों को लागू करने से एफसीवी किसानों की आजीविका पर और भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। वे शुष्क क्षेत्रों में कोई वैकल्पिक लाभकारी फसल नहीं उगा सकते हैं।’’
भाषा राजेश राजेश मनोहर
मनोहर

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