रेलवे बोर्ड ने दिल्ली से कश्मीर घाटी के बडगाम के बीच मालगाड़ी सेवा की अनुमति दी

रेलवे बोर्ड ने दिल्ली से कश्मीर घाटी के बडगाम के बीच मालगाड़ी सेवा की अनुमति दी

रेलवे बोर्ड ने दिल्ली से कश्मीर घाटी के बडगाम के बीच मालगाड़ी सेवा की अनुमति दी
Modified Date: August 20, 2025 / 09:44 pm IST
Published Date: August 20, 2025 9:44 pm IST

नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) रेलवे बोर्ड ने स्थानीय आबादी और व्यापारी वर्ग की सुविधा और लाभ के लिए दिल्ली और कश्मीर घाटी के बडगाम के बीच एक मालगाड़ी चलाने को मंजूरी दे दी है।

बुधवार को जारी एक परिपत्र में कहा गया है कि रेलवे बोर्ड ने उत्तर रेलवे जोन के प्रस्ताव की जांच की और बडगाम-आदर्श नगर (दिल्ली)-बडगाम मार्ग पर दैनिक आधार पर एक संयुक्त पार्सल उत्पाद-रैपिड कार्गो (जेपीपी-आरसीएस) ट्रेन सेवा को मंजूरी देने का निर्णय लिया। उत्तर रेलवे जोन के अंतर्गत जम्मू संभाग आता है।

परिपत्र में कहा गया, ‘‘यह ट्रेन सेवा आठ वीपी (पार्सल वैन) और एक एसएलआर (सीटिंग-कम-लगेज रैक) के साथ संचालित होगी।

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इसमें कहा गया है कि यह सेवा शुरू में परिचालन की तारीख से एक वर्ष के लिए पायलट आधार पर चलेगी।

रेलवे बोर्ड ने कहा, ‘‘उत्तर रेलवे इस ट्रेन के संचालन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में राज्य पुलिस के साथ समन्वय करेगा। पार्सल की सुरक्षा ट्रेन के खुलने के स्थान और अंतिम स्टेशन दोनों छोर पर सुनिश्चित की जाएगी। पार्सल की स्कैनिंग राज्य पुलिस के परामर्श से सुनिश्चित की जाएगी।’’

बोर्ड ने कहा, ‘‘पायलट परियोजना की दक्षता का आकलन करने के लिए समय-समय पर छमाही समीक्षा भी की जा सकती है…।’’

जम्मू संभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य कूरियर व्यवसाय में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाना और ग्राहकों को एक कुशल, भरोसेमंद और किफायती विकल्प प्रदान करना है।

जम्मू संभाग के वरिष्ठ वाणिज्यिक प्रबंधक, उचित सिंघल ने कहा, ‘‘यह सेवा व्यवसायी वर्ग के लाभ के लिए है। इसका मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के सूखे मेवे और हस्तशिल्प जैसे अनूठे उत्पादों को प्रदर्शित करना और देश-विदेश में उनके विपणन को प्रोत्साहित करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह ट्रेन अपने गंतव्य स्टेशन आदर्श नगर (दिल्ली) तक लगभग 23 घंटे में पहुंचेगी। यह बडगाम से सड़क यातायात से कम समय है। सेब, केसर, अखरोट, पश्मीना शॉल, कालीन और कश्मीरी हस्तशिल्प जैसे उत्पादों का परिवहन अब पहले से कहीं अधिक तेजी से किया जा सकेगा।’’

भाषा रमण अजय

अजय


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