UPI Server Down In India/ Image source: Pexels
UPI Transaction Limits: नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने डिजिटल पेमेंट को और आसान और बेहतर बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि, अब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से अगर कोई ग्राहक दुकानदार या मर्चेंट को पेमेंट (UPI Merchant Transaction) करेगा, तो उस ट्रांजैक्शन की लिमिट भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम यानी NPCI तय करेगा। 7 से 9 अप्रैल तक चली रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस फैसले की जानकारी दी है।
RBI गवर्नर ने दी जानकारी
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI ) को आर्थिक जरूरतों के आधार पर पर्सन-टू- मर्चेंट को किए जाने वाले UPI पेमेंट्स के लिए ट्रांजैक्शन लिमिट को बदलने की इजाजत दे दी। गवर्नर ने इस पर अधिक जानकारी देते हुए कहा कि, फिलहाल ये लिमिट 2 लाख रुपए है, लेकिन आने वाले समय में इसमें बदलाव आना संभव है। गवर्नर ने ये भी बताया कि पर्सन-टू-पर्सन UPI लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपए तक ही होगी, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
जोखिमों से बचाने के लिए सिक्योरिटी सिस्टम
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि, अगर लिमिट बढ़ती है, तो उससे जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए जरूरी सिक्योरिटी सिस्टम भी लगाया जाएगा। इसके लिए बैंकों और दूसरे पेमेंट पार्टनर्स से बातचीत करके फैसला लिया जाएगा।
रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट 0.25 प्रतिशत की कटौती
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि MPC ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट 0.25 प्रतिशत की कटौती का फैसला लिया है। इस कटौती के बाद अब पॉलिसी रेट 6.25 प्रतिशत से घटकर 6 प्रतिशत हो गई है। बता दें, कि इससे पहले भी आरबीआई ने पिछली बैठक में रेपो रेट में कटौती की थी, एक तरह से कहे तो यह कटौती दूसरी बार है। इससे होम लोन समेत कई तरह के लोन की ब्याज दरों में राहत मिल सकती है।