मुंबई, 15 सितंबर (भाषा) रिजर्व बैंक ने मंगलवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को एक्सचेंज-ट्रेडेड रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव्स में लेन-देन की अनुमति देने का प्रस्ताव किया। इस कारोबार के लिये 5,000 करोड़ रुपये की सीमा रखी गयी है।
ब्याज दर डेरिवेटिव्स (आईआरडी) ऐसे अनुबंध हैं जिनका मूल्य एक या अधिक ब्याज दरों, ब्याज दरों के साधनों की कीमतों या ब्याज दर सूचकांकों से प्राप्त होता है।
रिजर्व बैंक के अनुसार प्रस्तावित रुपया ब्याज दर डेरिवेटव्स (आरबीआई) दिशानिर्देश, 2020 का मकसद उच्च प्रवासी भारतीयों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना, विदेशी बाजारों में घरेलू प्रतिभूति डीलरों (मार्केट मेकर) की भूमिका बढ़ाना, पारदर्शिता में सुधार लाना और बेहतर नियामकीय व्यवस्था प्राप्त करना है।
नियमों के मसौदा में कहा गया है कि एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) स्वीकृत एक्सचेंज-ट्रेडेड आईआरडी में लेन-देन कर सकते हैं। लेकिन एफपीआई का सामूहिक रूप से, सभी एक्सचेंजों को मिलाकर एक्सचेंज- ट्रेडेड आईआरडी में उनका सौदा 5,000 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
साथ ही एफपीआई का एक्सचेंज – ट्रेडेड आईआरडी में शुद्ध रूप से ‘शार्ट पोजिशन’ सरकारी प्रतिभूतियों और अन्य रुपया बांड प्रतिभूतियों में ‘लांग पोजिशन’ से ऊपर नहीं जाना चाहिए।
आरबीआई ने रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव्स (रिजर्व बैंक) दिशानिर्देश, 2020 पर 15 अक्टूबर तक संबंधित पक्षों से विचार देने को कहा है।
भाषा
रमण महाबीर
महाबीर
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मंगलूरु में नौ दिन का आम एवं कटहल मेला
5 hours agoयस बैंक को 6.42 करोड़ रुपये की सेवा कर मांग…
5 hours ago