रिजर्व बैंक ने बैंकों के निवेश के वर्गीकरण, मूल्यांकन के लिये संशोधित नियम जारी किये |

रिजर्व बैंक ने बैंकों के निवेश के वर्गीकरण, मूल्यांकन के लिये संशोधित नियम जारी किये

रिजर्व बैंक ने बैंकों के निवेश के वर्गीकरण, मूल्यांकन के लिये संशोधित नियम जारी किये

:   Modified Date:  September 12, 2023 / 09:27 PM IST, Published Date : September 12, 2023/9:27 pm IST

मुंबई, 12 सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो के वर्गीकरण, मूल्यांकन और संचालन के लिये संशोधित मानदंड जारी किये। इन मानदंडों को वैश्विक मानकों और बेहतर गतिविधियों के अनुरूप बनाया गया है।

संशोधित ‘भारतीय रिजर्व बैंक (वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और संचालन) दिशानिर्देश, 2023’ एक अप्रैल, 2024 से सभी वाणिज्यिक बैंकों पर लागू होंगे। इसमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शामिल नहीं हैं।

संशोधित दिशानिर्देशों में निवेश पोर्टफोलियो का सिद्धांत-आधारित वर्गीकरण शामिल है।

संशोधित मानदंडों के अनुसार, बैंकों को अपने संपूर्ण निवेश पोर्टफोलियो को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करना होगा। ये श्रेणियां हैं… हेल्ड टू मैच्योरिटी (परिपक्वता अवधि तक ऋण प्रतिभूतियों में निवेश…एचटीएम), बिक्री के लिये उपलब्ध (एएफएस) और लाभ और हानि के माध्यम से उचित मूल्य (एफवीटीपीएल)।

‘हेल्ड टू मैच्योरिटी’ प्रतिभूतियां ऋण प्रतिभूतियों में निवेश है। इसके धारक के पास परिपक्वता तिथि तक इसे रखने का इरादा और क्षमता होती है।

‘‘ट्रेडिंग के लिये बॉन्ड या इक्विटी निवेश (एचएफटी) एफवीटीपीएल के तहत एक अलग निवेश उपश्रेणी होगी। निवेश की श्रेणी खरीद से पहले या खरीद समय के दौरान बैंक तय करेंगे।

वर्तमान में बैंकों को निवेश पोर्टफोलियो के वर्गीकरण और मूल्यांकन पर नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी है। यह अक्टूबर, 2000 में जारी नियम पर आधारित है।

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)