रेपो दर में फिर इतने प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है रिजर्व बैंक, विशेषज्ञों ने कहा इस दिन लिया जा सकता है निर्णय |

रेपो दर में फिर इतने प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है रिजर्व बैंक, विशेषज्ञों ने कहा इस दिन लिया जा सकता है निर्णय

RBI may increase repo rate by percentage: खुदरा मुद्रास्फीति छह माह से रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। ऐसे में रिजर्व बैंक ने मई और जून में रेपो दर में क्रमश: 0.40 प्रतिशत और 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : July 31, 2022/2:55 pm IST

मुंबई, 31 जुलाई। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कुछ दिन बाद भारतीय रिजर्व बैंक भी प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 से 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुद्रास्फीति पर अंकुश के लिए केंदीय बैंक आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर बढ़ा सकता है।

केंद्रीय बैंक पहले ही अपने नरम मौद्रिक रुख को धीरे-धीरे वापस लेने की घोषणा कर चुका है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की द्विमासिक बैठक तीन अगस्त से शुरू हो रही है। बैठक के नतीजों की घोषणा पांच अगस्त को होगी।

खुदरा मुद्रास्फीति छह माह से रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। ऐसे में रिजर्व बैंक ने मई और जून में रेपो दर में क्रमश: 0.40 प्रतिशत और 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी।

read more:  राखी पर रेल यात्रियों को मिली ख़ुशख़बरी! 12 रक्षाबंधन स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला, देखें लिस्ट

विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक इस सप्ताह प्रमुख नीतिगत दर को कम से कम महामारी-पूर्व के स्तर पर ले जाएगा। आगामी महीनों में इसमें और वृद्धि होगी।

बोफा ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि एमपीसी पांच अगस्त को रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेगी। साथ ही वह अपने रुख को धीरे-धीरे सख्त करेगी।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि रेपो दर में आक्रामक 0.50 प्रतिशत या कुछ नरम 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फेडरल रिजर्व ने कैलेंडर साल 2022 में ब्याज दरों में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि की है। इससे ऐसी संभावना बन रही है कि रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों में तय समय से पहले अधिक वृद्धि कर सकता है। रिपोर्ट कहती है, ‘‘हालांकि भारत में परिस्थितियों को देखते हुए अभी आक्रामक रुख की जरूरत नहीं है।’’

read more: मिशन 2023 को लेकर एक्टिव मोड में कांग्रेस, सह प्रभारी का दो दिवसीय दौरा

हाउसिंग.कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि अमेरिका सहित दुनिया के अन्य देशों के बैंकिंग नियामक आक्रामक तरीक से ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं। लेकिन भारत में स्थिति ऐसी नहीं है। यहां आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में 0.20 से 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करेगा।

डीबीएस ग्रुप रिसर्च की कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने एक रिपोर्ट में कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति अगली दो तिमाहियों में मूल्य स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करेगी। ऐसे में हमारा मानना है कि अगस्त में एमपीसी रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि करेगी।

भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत रुख तय करते समय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पर गौर करता है। खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी, 2022 से छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। जून में यह 7.01 प्रतिशत के स्तर पर थी।

 

 
Flowers