प. बंगाल में ‘रूफटॉप’ सौर ऊर्जा को व्यावहारिक बनाने के लिए नियमनों में ढील

प. बंगाल में ‘रूफटॉप’ सौर ऊर्जा को व्यावहारिक बनाने के लिए नियमनों में ढील

प. बंगाल में ‘रूफटॉप’ सौर ऊर्जा को व्यावहारिक बनाने के लिए नियमनों में ढील
Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: January 16, 2021 8:25 am IST

कोलकाता, 16 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल में आम लोगों के लिए सौर ऊर्जा को आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनाने के लिए पश्चिम बंगाल बिजली नियामक आयोग (डब्ल्यूबीईआरसी) ने रूफटॉप (छत पर) सौर ऊर्जा के नियमनों में ढील दी है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

आयोग ने अब एक किलोवॉट (केवी) क्षमता के लिए नेट मीटरिंग की अनुमति दे दी है। पहले इसके लिए 5 केवी की क्षमता की जरूरत थी। साथ ही यह कुछ ही श्रेणियों के उपभोक्तओं को उपलब्ध थी।

पहले सहकारिताओं को छोड़कर किसी व्यक्ति या आवासीय परिसर को नेट मीटरिंग की अनुमति नहीं थी। अधिकारी ने बताया कि नेट मीटरिंग के बिना रूफटॉप सौर परियोजना आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह जाती।

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पूर्व में सिर्फ संस्थानों, वाणिज्यिक, औद्योगिक और सहकारी आवासों को नेट मीटरिंग का लाभ मिलता था। इसकी शुरुआत भी 5 केवी से होती थी।

एक शीर्ष अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि डब्ल्यूबीईआरसी ने हालिया संशोधन के जरिये एक केवी से नेट मीटरिंग की अनुमति दे दी है। लेकिन इसे 5केवी तक सीमित रखा है।

संशोधनों के अनुसार 5 केवी से अधिक की स्थापित क्षमता के लिए ‘ग्रॉस मीटरिंग’ की जरूरत होगी।

भाषा अजय अजय

अजय


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