नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) अनिल अंबानी की रक्षा कंपनी रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने मंगलवार को अगली पीढ़ी के निर्देशित गोला-बारुद बनाने के लिए जर्मन हथियार विनिर्माता डीहल डिफेंस के साथ रणनीतिक सहयोग समझौते की घोषणा की।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस साझेदारी से भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने वाली अत्याधुनिक ‘वल्केनो 155 मिमी सटीक निर्देशित गोला-बारुद’ प्रणाली के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
बयान के मुताबिक, 155 मिलीमीटर तोप के अंतिम चरण में निर्देशित होने वाले गोले अनुमानित प्रभाव क्षेत्र तक पहुंचने के 10 सेकंड पहले ही लक्ष्य पर हमला कर सकते हैं। इसमें लगी प्रणाली की वजह से दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग उपकरण भी इसे आसानी से निष्क्रिय नहीं कर सकते हैं।
बयान में कहा गया है, ‘उन्नत गोला-बारूद प्रणाली में लक्ष्य पर निशाना साधने के लिए अत्याधुनिक लेजर और जीपीएस-निर्देशित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा जिससे इसकी सटीक हमला करने की क्षमता बढ़ेगी।’
रिलायंस डिफेंस ने कहा कि उसके पास उन्नत गोला-बारूद प्रणालियों के विकास और आपूर्ति के जरिये संभावित रूप से 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व पैदा करने का बाजार अवसर है।
यह रिलायंस समूह की चौथी रणनीतिक वैश्विक साझेदारी है। इसके पहले वह दसॉ एविएशन, थेल्स ग्रुप और रीनमेटल के साथ भी गठजोड़ कर चुका है।
दोनों समूहों की तरफ से अलग से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि रिलायंस समूह के संस्थापक अनिल अंबानी और डीहल डिफेंस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हेल्मुट राउख ने निर्देशित गोला-बारुद पर रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की।
दोनों कंपनियों के बीच 2019 में निर्देशित गोला-बारुद प्रणाली को लेकर सहयोग की रणनीतिक साझेदारी हुई थी।
दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान में कहा, ‘डीहल डिफेंस के लिए रिलायंस डिफेंस के साथ सहयोग भारतीय बाजार और भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।’
‘मेक इन इंडिया-2 के तहत सिस्टम वल्केनो 155 मिमी’ पहल चल रही है, जिसमें भारतीय ग्राहक के लिए रिलायंस डिफेंस प्रमुख ठेकेदार है जबकि डीहल डिफेंस उसकी रणनीतिक भागीदार है।
डीहल डिफेंस के सीईओ हेल्मुट राउख ने कहा, ‘डीहल डिफेंस भारतीय सशस्त्र बलों के लिए निर्देशित गोला-बारुद के संदर्भ में रिलायंस के साथ मौजूदा संबंधों को मजबूत करने के लिए तत्पर है।’
अंबानी ने इस अवसर पर कहा, ‘यह रणनीतिक गठबंधन न केवल भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं की उन्नति को गति देता है, बल्कि रिलायंस डिफेंस को वैश्विक रक्षा आपूर्ति शृंखला के एक अहम अंग के रूप में भी स्थापित करता है।’
इस समझौते के तहत रिलायंस समूह महाराष्ट्र के रत्नागिरी में एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने जा रहा है जिसकी वार्षिक क्षमता 200,000 तोप के गोले, 10,000 टन विस्फोटक और 2,000 टन प्रणोदक के उत्पादन की होगी।
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