रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ सौदा स्थगित रखने के मध्यस्थता फोरम के आदेश को चुनौती दे सकता है फ्यूचर | Reliance Industries may challenge arbitration forum's order to keep deal with future

रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ सौदा स्थगित रखने के मध्यस्थता फोरम के आदेश को चुनौती दे सकता है फ्यूचर

रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ सौदा स्थगित रखने के मध्यस्थता फोरम के आदेश को चुनौती दे सकता है फ्यूचर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : October 26, 2020/7:18 am IST

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर समूह ने सोमवार को संकेत दिया कि वह रिलायंस इंडस्ट्रीज को कारोबार बेचने के सौदे पर अंतरिम रोक लगाने की सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के ​निर्णय को भारत के न्यायिक मंच पर चुनौती दे सकता है।

मध्यस्थता अदालत ने वैश्विक स्तर पर खुदरा कारोबार करने वाली कंपनी अमेजन की याचिका पर 24,713 करोड़ रुपये के इस सौदे के खिलाफ अंतरिम रोक लगायी है।अमेजन ने फ्यूचर के साथ अपने पहले के शेयरधारक—करार के आधार पर समूह के कारो​बार को रिलायंस समूह की खुदरा कंपनी को बेचने का विरोध किया है।

फ्यूचर समूह ने संकेत दिया कि वह इसे भारत में चुनौती दे सकता है ताकि रिलायंस के साथ उसके सौदे में देरी न हो और उसे नक्की किया जा सके। फ्यूचर रिटेल ने सोमवार को एक बयान में कहा कि वह सिंगापुर अंतराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र :एसआईएसी: के अंतरिम ओदश का अध्ययन कर रहा है।

बिग बाजार और ईजी डे स्टोर जैसे खुदरा स्टोर आदि का परिचालन करने वाली फ्यूचर रिटेल लि. ने कहा है कि वह उस करार में शामिल नहीं है जिसके आधार पर अमेजन ने मध्यस्थ निर्णय के लिए मामला दायर किया है।

उसने कहा है कि मध्यस्थ निर्णय की अर्जी दे कर इस रिलायंस के साथ सौदे को रोका नहीं जा सकता।

​कंपनी ने बयान में कहा है, ‘ एफआरएल :फ्यूचर रिटेल ​लि.: को कानून के अनुसार समझाया गया है कि एफआरएल और उसके निदेशक मंडल ने जो कदम उठाया है वह सभी प्रासंगिक समझौतों के अनुसार है और पूरी तरह शेयरधारकों के हित में है। इन कदमों को ऐसे किसी करार के आधार पर मध्यस्थता अदालत की कार्रवाई के जरिए रोकवाया नहीं जा सकता जिसमें एफआरएल शामिल है ही नहीं।

बयान में कहा गया है कि एफआरएल के सभी करार उनके तमाम आशय और उद्श्यों के लिए भारतीय कानूनों और भारतीय मध्यस्थता अधिनियम के अंतर्गत आते हैं। कंपनी ने कहा है कि ‘ इस प्रकरण से न्यायाधिकार क्षेत्र के कई विषय उठ खड़े हुए हैं और ये विषय इस मामले की जड़ तक जाते हैं। ‘

एफआरएल ने कहा है कि ‘इसी के अनुसार इस आदेश को एक उचित मंच पर भारतीय मध्यस्थता कानून के प्रावधानों की कसौटी पर कसा जाएगा।’

कंपनी ने कहा है कि कानून लागू करवाने की किसी भी कार्रवाई में वह ऐसे समुचित कदम उठाएगी ताकि यह प्रस्तावित सौदा बिना बाधा और विलम्ब के सम्पन्न हो सके।

सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत ने फ्यूचर ग्रुप को अपना खुदरा कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बेचने से अंतरिम रूप से रविवार को रोक दिया ।

अमेजन पिछले साल फ्यूचर समूह की एक असूचीबद्ध कंपनी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर सहमत हुई थी। इसके साथ ही यह शर्त भी थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा।

इस बीच कर्ज में दबे किशोर बियानी के समूह ने अपने खुदरा स्टोर, थोक और लाजिस्टिक्स कारोबार को हाल में रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने का करार कर लिया।

इसके विरुद्ध अमेजन ने मध्यस्थता अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

अमेजन बनाम फ्यूचर बनाम रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस मामले में एकमात्र मध्यस्थ वीके राजा ने अमेजन के पक्ष में अंतरिम फैसला सुनाया। उन्होंने फ्यूचर ग्रुप को फिलहाल सौदे को रोकने को कहा। उन्होंने कहा कि जब तक इस मामले में मध्यस्थता अदालत अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच जाती है, तब तक सौदा नहीं किया जा सकता है।

अमेजन के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम आपातकालीन मध्यस्थ के निर्णय का स्वागत करते हैं। हम इस आदेश के लिये आभारी हैं, जो सभी अपेक्षित राहत देता है। हम मध्यस्थता प्रक्रिया के त्वरित निस्तारण के लिये प्रतिबद्ध हैं।’’

अमेजन का मानना है कि फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ समझौता कर उसके साथ करार का उल्लंघन किया है। यदि यह सौदा पूरा होता है तो रिलायंस को भारत के खुदरा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को करीब दोगुना करने में मदद मिलती।

रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने कहा है ” आरआरवीएल ने उपयुक्त कानूनी सलाह के बाद ही फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के कारोबार और संपत्ति के अधिग्रहण की प्रक्रिया की शुरुआत की है जोकि पूरी तरह भारतीय कानून के तहत है। ”

सूत्रों ने कहा कि अमेजन की टीम का पक्ष गोपाल सुब्रमण्यम, गौरव बनर्जी, अमित सिब्बल और एल्विन येओ ने रखा। फ्यूचर रिटेल के पक्ष में हरीश साल्वे खड़े थे।

मध्यस्थता अदालत ने 16 अक्टूबर को प्रारंभिक सुनवाई पूरी करने के बाद अंतरिम फैसला दिया ।

भाषा मनोहर

मनोहर

 

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