रिलायंस से जुड़ी क्विक सप्लाई ने भाजपा को 385 करोड़ रुपये, शिवसेना को 25 करोड़ रुपये दिए |

रिलायंस से जुड़ी क्विक सप्लाई ने भाजपा को 385 करोड़ रुपये, शिवसेना को 25 करोड़ रुपये दिए

रिलायंस से जुड़ी क्विक सप्लाई ने भाजपा को 385 करोड़ रुपये, शिवसेना को 25 करोड़ रुपये दिए

:   Modified Date:  March 21, 2024 / 09:08 PM IST, Published Date : March 21, 2024/9:08 pm IST

नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) रिलायंस इंडस्ट्रीज से संबंधित और नवी मुंबई के धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (डीएकेसी) में पंजीकृत पते वाली क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने सत्तारूढ़ भाजपा को चुनावी बॉन्ड के जरिये 395 करोड़ रुपये और शिवसेना को 25 करोड़ रुपये दिए हैं।

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर बृहस्पतिवार को डाले गए चुनावी बॉन्ड संबंधी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।

चुनावी बॉन्ड का उपयोग करने वाले राजनीतिक दलों को चंदा देने के मामले में क्विक सप्लाई चेन तीसरे स्थान पर है। इसने 2021-22 और 2023-24 के बीच 410 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे और 25 करोड़ रुपये को छोड़कर बाकी सभी बॉन्ड भाजपा को दे दिए। इसने 2022 में शिवसेना को 25 करोड़ रुपये की रकम दी।

आंकड़ों से पता चलता है कि गोदामों और भंडारण इकाइयों के निर्माता के रूप में चिह्नित क्विक सप्लाई ने भाजपा और शिवसेना को छोड़कर किसी अन्य राजनीतिक दल को चंदा नहीं दिया।

फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज 1,368 करोड़ रुपये और हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रा 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड के साथ क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर हैं।

रिलायंस से संबंधित एक अन्य कंपनी हनीवेल प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड ने आठ अप्रैल, 2021 को 30 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे और सभी भाजपा को भुनाने के लिए दे दिए।

जब पिछले हफ्ते पहली बार रिलायंस कनेक्शन सामने आया था, तो रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने एक विस्तृत प्रश्नावली के जवाब में कहा था, ‘‘क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड किसी भी रिलायंस इकाई की अनुषंगी कंपनी नहीं है।’’ हालांकि, इसने फर्म के साथ अपने जुड़ाव पर कोई टिप्पणी नहीं की थी।

निजी कंपनी क्विक सप्लाई चेन नौ नवंबर, 2000 को 130.99 करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी के साथ गठित की गई थी। इसकी चुकता पूंजी 129.99 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का राजस्व 500 करोड़ रुपये से अधिक था, लेकिन लाभ के बारे में जानकारी नहीं मिली है।

इसने राजनीतिक दलों को देने के लिए 2021-22 में 360 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे जबकि उस साल इसका शुद्ध लाभ केवल 21.72 करोड़ रुपये था। इसने 2023-24 में भी 50 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं।

इस कंपनी में तीन निदेशक हैं और एक प्रमुख प्रबंधन कर्मी है। वर्तमान में बोर्ड पर सबसे लंबे समय तक सेवारत निदेशक तपस मित्रा हैं जो संयोग से 25 अन्य कंपनियों के बोर्ड में भी शामिल हैं। उन्हें 17 नवंबर, 2014 को निदेशक नियुक्त किया गया था।

मित्रा रिलायंस इरोज प्रोडक्शंस एलएलपी और जामनगर कांडला पाइपलाइन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड जैसी साझेदारी फर्मों के निदेशक हैं।

जामनगर कांडला पाइपलाइन अहमदाबाद में कुछ अन्य रिलायंस कंपनियों, जैसे कि रिलायंस पेजिंग प्राइवेट लिमिटेड, जामनगर रतलाम पाइपलाइन प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टैंकेजेज प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस ऑयल एंड पेट्रोलियम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा साझा किए गए पते पर पंजीकृत है।

विपुल प्राणलाल मेहता 10 दिसंबर, 2019 से क्विक के बोर्ड में निदेशक हैं। वह आठ अन्य कंपनियों के निदेशक भी हैं, जिनमें से एक रिले आइकॉन्स एंड ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है।

श्रीधर टिट्टी सबसे हाल में नियुक्त किए गए निदेशक हैं। वह 27 नवंबर, 2023 को बोर्ड में शामिल हुए।

हनीवेल प्रॉपर्टीज के दो निदेशकों में से एक सत्यनारायणमूर्ति वीरा वेंकट कोरलेप वर्ष 2005 से रिलायंस समूह की कई फर्मों के बोर्ड में हैं। कंपनी कई समूह फर्मों के साथ अपना पंजीकृत पता भी साझा करती है।

कंपनी पंजीयक (आरओसी) को दी गई सूचना के मुताबिक, रिलायंस ग्रुप सपोर्ट, रिलायंस फायर ब्रिगेड और रिलायंस हॉस्पिटल मैनेजमेंट के पास मिलकर क्विक का 50.04 प्रतिशत हिस्सा है, जो रिलायंस की खुदरा इकाई को लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला सहायता प्रदान करती है।

सुरेंद्र लूनिया से जुड़ी कंपनी नेक्सजी डिवाइसेज प्राइवेट लिमिटेड ने मई, 2019 और नवंबर, 2022 में 35 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। उनसे जुड़ी एक अन्य कंपनी, इन्फोटेल बिजनेस सॉल्यूशंस ने मई, 2019 में 15 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। लूनिया ने रिलायंस से जुड़ी कंपनियों की एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी अडाणी समूह को बेच दी थी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)