Reliance Power Share: कर्जमुक्त होने के बाद सुर्खियों में यह सस्ता पावर शेयर, 9 मई की बैठक पर टिकी सबकी नजरें – NSE:RELIANCEPOWER, BSE:533151
Reliance Power Share: कर्जमुक्त होने के बाद सुर्खियों में यह सस्ता पावर शेयर, 9 मई की बैठक पर टिकी सबकी नजरें
(Reliance Power Share, Image Source: Meta AI)
- 9 मई 2025 को बोर्ड बैठक होगी।
- 25 साल का PPA (Power Purchase Agreement) SECI के साथ हुआ है।
- पिछले 5 वर्षों में 2,000% से अधिक का रिटर्न दिया है।
Reliance Power Share: अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर आने वाले दिनों में सुर्खियों में बनी रह सकती है। कंपनी ने बताया है कि 9 मई 2025 को बोर्ड की बैठक होगी, जिसमें मार्च तिमाही के नतीजे जारी किए जा सकते हैं। इसके अलावा बीते शुक्रवार को कंपनी ने एक बड़ी डील की घोषणा भी की है, जिससे निवेशकों को दिलचस्पी बढ़ गई है।
25 साल का बिजली खरीद समझौता
रिलायंस पावर की सब्सिडियरी रिलायंस न्यू सनटेक प्राइवेट लिमिटेड ने सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के साथ 25 साल का बिजली खरीद समझौता किया है। इस समझौते के तहत कंपनी 930 मेगावाट सोलर पावर और 1,860 मेगावाट प्रति घंटा की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) से बिजली की सप्लाई करेगी, जिसकी दर 3.53 रुपये प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है।

एशिया की सबसे बड़ी सोलर परियोजना का दावा
कंपनी अगले 24 महीनों में एक ही जगह पर एशिया की सबसे बड़ी सोलर और BESS परियोजना शुरु करने की तैयारी में है। इस प्रोजेक्ट में 10,000 करोड़ रुपये तक का निवेश किया जाएगा। दिसंबर तिमाही तक कंपनी पूरी तरह कर्जमुक्त हो चुकी है, जो कंपनी की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाता है।
शेयरों की चाल
शुक्रवार को रिलायंस पावर का शेयर 40.24 रुपये पर बंद हुआ। इसका 52 सप्ताह का हाई 53.64 रुपये और लो लेवल 23.30 रुपये रहा है। पिछले एक साल में इसमें 55% की तेजी आई है, जबकि 5 सालों में इसने 2,000% से ज्यादा रिटर्न दिया है। हालांकि, लॉन्ग टर्म में यह शेयर 275 रुपये से टूटकर 40 रुपये तक आ गया है, जो 86% की बड़ी गिरावट को दर्शाता है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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