खुदरा, दूरसंचार, डिजिटल के मेल से रिलायंस की ई-कॉमर्स में बड़ी दावेदारीः रिपोर्ट

खुदरा, दूरसंचार, डिजिटल के मेल से रिलायंस की ई-कॉमर्स में बड़ी दावेदारीः रिपोर्ट

खुदरा, दूरसंचार, डिजिटल के मेल से रिलायंस की ई-कॉमर्स में बड़ी दावेदारीः रिपोर्ट
Modified Date: May 25, 2023 / 04:20 pm IST
Published Date: May 25, 2023 4:20 pm IST

नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) मुकेश अंबानी की अगुवाई वाला रिलायंस समूह अपने खुदरा स्टोर नेटवर्क, डिजिटल मीडिया और दूरसंचार सेवाओं के दम पर करीब 150 अरब डॉलर के भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में अमेजन एवं वॉलमार्ट से भी आगे रहने की संभावना रखता है। एक विश्लेषक फर्म ने यह आकलन पेश किया है।

बर्नस्टीन रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का ई-कॉमर्स क्षेत्र बड़ी तेजी से तीन कंपनियों वाले बाजार की तरफ बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। इसमें अमेजन और वॉलमार्ट के साथ रिलायंस भी शामिल होगी।

रिपोर्ट कहती है, ‘‘अधिकांश प्रौद्योगिकियों में वितरण चुनौतियों और ‘एक पीढ़ी छोड़कर आगे बढ़ जाने’ की भारत की प्रवृत्ति को देखते हुए हमारा मानना है कि भारतीय ई-कॉमर्स बाजार अलग होगा। एक एकीकृत मॉडल (ऑफलाइन, ऑनलाइन और प्राइम), मजबूत वितरण क्षमता और ऑनलाइन कंपनियों के मुकाबले बेहतर लागत बढ़त की शुरू से ही जरूरत है।’’

 ⁠

रिलायंस इंडस्ट्रीज इस समय भारत में सबसे बड़ा डिजिटल पारिस्थितिकी बनाने की कोशिश में लगी है। इसकी दूरसंचार इकाई जियो के 43 करोड़ मोबाइल ग्राहक हैं, खुदरा इकाई के 18,300 खुदरा स्टोर हैं और इसका ई-कॉमर्स कारोबार 17-18 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।

बर्नस्टीन ने कहा, ‘‘ऑफलाइन, ऑनलाइन और प्राइम का एकीकृत मॉडल इसे अमेजन और वॉलमार्ट के सबसे तगड़ा प्रतिद्वंद्वी बना देता है।’’

भारत के ई-कॉमर्स बाजार के वर्ष 2025 तक 150 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है। इसमें अमेजन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले फ्लिपकार्ट की संयुक्त रूप से हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत है। रिलायंस अपने अजियो एवं जियोमार्ट मंचों के माध्यम से तीसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट कहती है, ‘‘हमारा मानना है कि रिलायंस रिटेल एवं जियो सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स बाजार में सबसे अच्छी स्थिति में है। इसके पास खुदरा नेटवर्क, मोबाइल नेटवर्क, डिजिटल पारिस्थितिकी और घरेलू परिस्थितियों में काम करने का लाभ होने से यह 150 अरब डॉलर से अधिक आकार वाले ई-कॉमर्स बाजार में बड़ी हिस्सेदारी का दावा कर पाएगी।’’

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय


लेखक के बारे में