औद्योग श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में 4.48 प्रतिशत

औद्योग श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में 4.48 प्रतिशत

औद्योग श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में 4.48 प्रतिशत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: March 31, 2021 12:55 pm IST

नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) औद्योगिक श्रमिकों से संबंधित खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में बढ कर 4.48 प्रतिशत पर पहुंच गयी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार ईंधन और कुछ खाद्य वस्तुओं के महंगा होने से मुद्रास्फीति का दबाव बढा।

जनवरी में औद्योगिक श्रमिकों से संबंधित खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 3.15 प्रतिशत थी।

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि औद्योगिक श्रमिकों से संबंधित खुदरा मुद्रास्फीति सालाना आधार पर फरवरी 2021 में 4.48 प्रतिशत थी जो इससे पिछले महीने (जनवरी 2021) में 3.15 प्रतिशत थी। फरवरी 2020 में यह मुद्रास्फीति 6.84 प्रतिशत थी।

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मंत्रालय के बयान के मुताबिक इस साल फरवरी में औद्योगिक श्रमिकों के लिए खाद्य मुद्रास्फीति 4.64 प्रतिशत रही। जनवरी में यह 2.38 प्रतिशत थी। पिछले वर्ष फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति 8.33 प्रतिशत थी।

फरवरी 2021 में औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 0.8 अंक बढ़ कर 119 अंक रहा। जनवरी की तुलना में इसमें 0.68 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। सूचकांक में सबसे ज्यादा 0.31 प्रतिशत वृद्धि ईंधन एवं बिजली की मंहगाई के चलते हुई। ‘अन्य’ और ‘खाद्य वर्ग’ की कीमतों में बढ़ोतरी से सूचकांक में क्रमश: 0.23 प्रतिशत और 0.21 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

सामान के हिसाब से दूध, तेलों (सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी), फल ( सेब, आम) सब्जियों ( भिंडी,प्याज, परवल ) प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों , रसोईं गैस, सैलून खर्च और पेट्रोल के दाम बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ी। इस दौरान चावल, आलू, टमाटर, अंडे, गोभी और अदरक जैसे उत्पाद सस्ते हुए।

भाषा मनोहर रमण

रमण


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