चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान: आरबीआई

चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान: आरबीआई

चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान: आरबीआई
Modified Date: November 29, 2022 / 07:53 pm IST
Published Date: December 8, 2021 12:32 pm IST

मुंबई, आठ दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 5.3 प्रतिशत रह सकती है। यह केंद्रीय बैंक के पूर्व अनुमान के अनुरूप है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि मुद्रास्फीति के अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में नरम पड़कर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति का अनुमान पूर्व के अनुमान के लगभग अनुरूप है। अल्पकाल में कीमत संबंधी दबाव बने रहने की आशंका है।

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दास ने कहा, ‘‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 5.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रहने की संभावना है। कुल मिलाकर इसके 2021-22 में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं 2022-22 की पहली तिमाही में नरम पड़कर पांच प्रतिशत होने और दूसरी तिमाही में पांच प्रतिशत पर ही बने रहने की संभावना है।’’

उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति का रुख मुख्य रूप से उभरती घरेलू मुद्रास्फीति और वृद्धि गतिविधियों के अनुकूल है।

दास ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क तथा मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम किये जाने से प्रत्यक्ष प्रभाव के रूप में महंगाई दर में टिकाऊ आधार पर कमी आएगी। परोक्ष रूप से ईंधन और परिवहन लागत कम होने का भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

भाषा

रमण प्रणव

प्रणव


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