मुंबई, 18 जुलाई (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को रुपया शुरुआती बढ़त गंवाकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चार पैसे की गिरावट के साथ 86.16 (अस्थायी) पर बंद हुआ। विदेशी पूंजी निकासी, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और घरेलू शेयर बाजारों में भारी गिरावट के बीच रुपये की विनिमय दर में गिरावट आई।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, हालांकि प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के कमजोर रुख ने स्थानीय मुद्रा में भारी गिरावट पर अंकुश लगाया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 85.99 पर मजबूती के साथ खुला और 85.97-86.23 के दायरे में कारोबार करने के बाद 86.16 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से चार पैसे कम है।
रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 20 पैसे की गिरावट के साथ 86.12 पर बंद हुआ था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, “विदेशी निवेशक बिकवाल बन गए। डॉलर की भारी लिवाली से रुपया नीचे आया। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गिरावट की गति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाया।”
उन्होंने कहा, “हमारा अनुमान है कि अमेरिका के साथ समझौता होने तक रुपया कमजोर रहेगा और अगर ऐसा नहीं होता है, तो रुपया 87 के स्तर तक पहुंच सकता है। सोमवार को हमारा अनुमान है कि रुपया 85.90-86.40 के दायरे में कारोबार करेगा।”
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत जारी है। यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका, भारत के साथ व्यापार समझौते के ‘बहुत करीब’ है।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1.17 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 70.33 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.38 पर आ गया।
घरेलू शेयर बाजारों में, सेंसेक्स 501.51 अंक गिरकर 81,757.73 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 143.05 अंक गिरकर 24,968.40 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को शुद्ध आधार पर 3,694.31 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा अनुराग रमण
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