राष्ट्रीय कौशल विकास रूपरेखा में एआई को एकीकृत करने पर सरकार का जोर

राष्ट्रीय कौशल विकास रूपरेखा में एआई को एकीकृत करने पर सरकार का जोर

  •  
  • Publish Date - December 24, 2025 / 10:31 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 10:31 PM IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने बुधवार को कृत्रिम मेधा (एआई) के लिए कौशल विकास पर एक रणनीतिक परामर्श बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें ‘विकसित भारत’ के संकल्प को समर्थन देने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास रूपरेखा में एआई के एकीकरण पर जोर दिया गया।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस परामर्श का उद्देश्य नीतिगत दृष्टि, उद्योग की जरूरतों और कौशल विकास के क्रियान्वयन के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना है, ताकि एआई-संचालित वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम, भविष्य के लिए तैयार कार्यबल तैयार किया जा सके।

कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चौधरी ने इस दौरान इंडिया-एआई मिशन के ‘भावी कौशल’ स्तंभ और मंत्रालय की प्रमुख पहल की समीक्षा की।

उन्होंने एसओएआर (स्किलिंग फॉर एआई रेडीनेस), महानिदेशालय प्रशिक्षण (डीजीटी) और माइक्रोसॉफ्ट के बीच सहयोग, महिलाओं के लिए एआई करियर कार्यक्रम ‘टेकसक्षम 2.0’ और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 4.0 के तहत एआई प्रशिक्षण की प्रगति पर भी चर्चा की।

बयान के मुताबिक, बैठक में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच अंतर-मंत्रालयी समन्वय को और मजबूत करने की जरूरत पर भी बल दिया गया।

चौधरी ने कहा कि एआई प्रतिभा की बढ़ती मांग को देखते हुए कौशल विकास की गति और पैमाने दोनों को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है।

बैठक में पाठ्यक्रम डिजाइन और प्रशिक्षण में उद्योग की अधिक भागीदारी, मॉड्यूलर और चरणबद्ध शिक्षण पथ एवं अप्रेंटिसशिप और सजीव परियोजनाओं के जरिए वास्तविक कार्य अनुभव आगे बढ़ाने को प्राथमिक क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय