पंजाब में विवादों के ऑनलाइन समाधान के लिए ‘सांझ-दिलसा’ मंच |

पंजाब में विवादों के ऑनलाइन समाधान के लिए ‘सांझ-दिलसा’ मंच

पंजाब में विवादों के ऑनलाइन समाधान के लिए ‘सांझ-दिलसा’ मंच

:   Modified Date:  February 4, 2023 / 06:01 PM IST, Published Date : February 4, 2023/6:01 pm IST

नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) पंजाब सरकार ने लोगों को दिवानी मामलों के आपसी सहमति के आधार पर निपटान के लिए नई पहल की है। ‘सांझ-दिलसा’ नाम की इस पहल के तहत प्रभावित पक्ष पुलिस थाने से जुड़े ‘ऑनलाइन’ विवाद समाधान मंच के जरिये समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

‘ऑनलाइन’ विवाद समाधान (ओडीआर) मंच तैयार करने वाली कंपनी ज्यूपिटिस जस्टिस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लि. ने शनिवार को बयान में कहा, ‘‘ पंजाब पुलिस ने अपने सामुदायिक मामलों के विभाग (सीएडी) के सहयोग से समाज में शांति को बढ़ावा देने के लिए अपनी तरह की पहली पहल ‘सांझ-दिलसा’ की शुरुआत की है। यह पुलिस थाना स्तर पर शिकायतकर्ता को आपसी विवादों का हल करने के लिये प्रोत्साहित करेगा।’’

यह पंजाब पुलिस और ज्यूपिटिस टेक्नोलॉजीज की संयुक्त पहल है। इसे पायलट आधार पर फिलहाल राज्य के मोगा जिले में शुरू किया गया है।

बयान के अनुसार सांझ- दिलसा के साथ अपना मामला दर्ज करने के लिए विवादित पक्षों को 100-100 रुपये भुगतान करने होंगे। इस पहल के तहत कानूनी परामर्श लिये जा सकते हैं और वैवाहिक मामलों, श्रमिक विवादों समेत अन्य दिवानी मामलों का समाधान किया जा सकता है।

विज्ञप्ति में पंजाब पुलिस की महानिदेशक (सामुदायिक मामलों के विभाग) गुरप्रीत कौर देव के हवाले से कहा गया है, “सांझ- दिलसा व्यक्तियों और संगठनों के बीच विवाद और मतभेद हल करने के लिए एक कुशल तरीका और अनुकूल परिवेश प्रदान करेगा।”

सांझ-दिलसा के तहत किया गया समझौता पंजाब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से अदालत में लागू किया जा सकता है।

ज्यूपिटिस जस्टिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रमन अग्रवाल ने कहा, “पंजाब सरकार ने भागीदारी न्याय प्रणाली के माध्यम से न्याय तक पहुंच बढ़ाने के लिए पंजाब पुलिस के साथ मिलकर एक सुधारात्मक पहल की है। यह पहल सामुदायिक न्याय प्रणाली को विकसित करने और बढ़ावा देने तथा प्रौद्योगिकी के जरिये लोगों के घर तक न्याय पहुंचाने में सहायक होगी। यह पहल महिलाओं और हाशिए पर खड़े लोगों के लिए न्याय तक पहुंच भी बढ़ाएगी।”

भाषा अनुराग रमण पाण्डेय

पाण्डेय

 

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