गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ मिलकर एमएसएमई क्षेत्र को कर्ज देना पसंद करेगा एसबीआई: खारा

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ मिलकर एमएसएमई क्षेत्र को कर्ज देना पसंद करेगा एसबीआई: खारा

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ मिलकर एमएसएमई क्षेत्र को कर्ज देना पसंद करेगा एसबीआई: खारा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 pm IST
Published Date: December 12, 2020 1:44 pm IST

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक के प्रमुख दिनेश कुमार खारा ने शनिवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र का यह बैंक सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्र को कर्ज सहायाता देने के लिए सह-सृजन मॉडल पर काम करना चाहेगा।

ऋण के सह-सृजन मॉडल में बैंक और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) ग्राहक को एक साथ मिलकर धन देती हैं। इसमें कर्जदाता अपनी लागत के हिसाब से अपने हिस्से के धन पर अलग-अलग ब्याज का हिसाब रखते हैं, पर ग्राहकों को कर्ज पर एक दर से ही ब्याज देना होता है।

उन्होंने उद्यमियों के एक वैश्विक मंच ‘ग्लोबल एलायंस फॉर मास एंटरप्रेन्योरशिप’ (गेम) को आनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि बकाया न मिलने और कर्जदारों के भरोसे में कमी जैसे विभिन्न कारणों से छोटी और मझोली इकाइयों के सामने इस समय नकद की दिक्कत हो रही है।

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एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि हकीकत यह है कि इस समय एमएसएमई को कर्ज देने के लिए बहुत ज्यादा एनबीएफसी भी आगे नहीं आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इसका समाधान इस तरह से निकल सकता है कि इन इकाइयों को बैंक से सीधे कर्ज देने के साथ ही एनबीएफसी और बड़ी फिनटेक कंपनियों के साथ मिलकर कर्ज दिया जाए।

उन्होंने कहा कि फिनटेक कंपनियों के पास सुगठित और गैर सुगठित डाटा का विश्लेषण कर जोखिम के आकलन की क्षमता होती है।

खारा ने कहा कि बैंकों को इस तरह के आकलन के आधार पर कर्ज देने में आसानी होती है।

उन्होंने कहा कि ऐसी इकाइयों को कर्ज देने के लिए कैश-फ्लो को भी आधार बनाया जा सकता है, क्योंकि कई बार इन इकाइयों का लोखाजोखा उन मानकों को पूरा नहीं करता, जो बैंक मांगते हैं।

भाषा मनोहर पाण्डेय

पाण्डेय


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