नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए अपने उत्तराधिकारी को नामित करने या एक घोषणापत्र देकर योजना से बाहर निकलने का विकल्प चुनने की समयसीमा एक जनवरी तक बढ़ा दी है। पहले यह समयसीमा 30 सितंबर तक थी।
उत्तराधिकारी को नामित नहीं करने पर निवेशकों के खाते पर रोक लग जाएगी, यानी उन्हें ‘फ्रीज’ कर दिया जाएगा और वे अपने निवेश को निकाल नहीं पाएंगे।
यह कदम निवेशकों को अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने और उन्हें उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को सौंपने में मदद करने के लिए उठाया गया है।
सेबी की ओर से जारी परिपत्र के मुताबिक, बाजार भागीदारों से मिले अनुरोध को ध्यान में रखते हुए अब यह प्रावधान एक जनवरी, 2024 से लागू किया जाएगा। पहले यह समयसीमा 30 सितंबर की थी।
सेबी ने 15 जून, 2022 को जारी अपने परिपत्र में म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक अगस्त, 2022 को या उसके बाद नामांकन से बाहर निकलने के लिए नामांकन विवरण या घोषणा देना अनिवार्य कर दिया था। इस समयसीमा को कई बार बढ़ाया गया है।
भाषा अजय अजय प्रेम
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