नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बृहस्पतिवार को सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) द्वारा पारित अंतरिम आदेश के संबंध में अपर्याप्त और विलंबित प्रकटीकरण करने के लिए फ्यूचर रिटेल लिमिटेड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने फ्यूचर ग्रुप और मुकेश धीरूभाई अंबानी समूह के बीच व्यवस्था की योजना के संबंध में अमेज़न डॉट कॉम द्वारा उठाई गई चिंताओं की जांच करने के बाद यह आदेश दिया है।
सेबी ने कहा कि फ्यूचर रिटेल ने शेयर बाजारों के हस्तक्षेप के बाद ही एक नवंबर, 2020 को एसआईएसी के समक्ष अमेजन के मध्यस्थता कार्यवाही शुरू करने का खुलासा किया था।
सूचना का खुलासा घटना के 24 घंटे के भीतर (छह अक्टूबर, 2020 को या उससे पहले) एलओडीआर (लिस्टिंग ऑब्लिगेशन एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स) नियमों के तहत किया जाना था।
सेबी के निर्णायक अधिकारी अमित कपूर ने कहा, ‘‘मैंने देखा है कि स्टॉक एक्सचेंजों के सक्रिय हस्तक्षेप के बाद ही, नोटिस प्राप्तकर्ता (फ्यूचर रिटेल) ने एक नवंबर, 2020 को एसआईएसी के अंतरिम आदेश के बारे में खुलासा किया, जिसमें एफआरएल ने मध्यस्थता कार्यवाही शुरू करने, घटनाओं के कालक्रम, अंतरिम आदेश का विवरण, अंतरिम आदेश के प्रभाव और एलओडीआर विनियमों के तहत एसआईएसी के सभी निर्देशों का पूरा विवरण प्रदान किया।’’
चूंकि फ्यूचर रिटेल ने एलओडीआर मानदंडों का उल्लंघन किया है, इसलिए सेबी ने कंपनी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
फ्यूचर समूह और अमेज़ॅन के बीच कानूनी विवाद फ्यूचर की खुदरा परिसंपत्तियों को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को 24,713 करोड़ रुपये में बेचने से संबंधित था। अप्रैल 2022 में, आरआईएल ने फ्यूचर ग्रुप के साथ सौदे को रद्द कर दिया।
भाषा राजेश राजेश अनुराग
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