नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (आरईएल) को आदेश दिया है कि वह डाबर इंडिया के प्रवर्तक बर्मन परिवार की खुली पेशकश के लिए 12 जुलाई से पहले नियामक प्राधिकरणों से वैधानिक मंजूरी ले।
बर्मन समूह ने रेलिगेयर के निदेशक मंडल और उसकी चेयरपर्सन रश्मि सलूजा पर खुली पेशकश में बाधा डालने का आरोप लगाया। इस बीच, रेलिगेयर ने तर्क दिया कि बर्मन परिवार अधिग्रहण के लिए ‘उपयुक्त और योग्य’ नहीं है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि एनबीएफसी ने कोई सबूत नहीं दिखाया कि बर्मन समूह ऐसी कथित कमजोरियों से ग्रस्त है।
खुली पेशकश को रोकने के बोर्ड के प्रयास पर असंतोष जताते हुए सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि रेलिगेयर ने ‘स्पष्टतः शत्रुतापूर्ण तरीके से काम किया है।’
सेबी ने रेलिगेयर को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) और सेबी के पास अनुमोदन के लिए आवेदन करने का आदेश दिया है।
इस संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए रेलिगेयर के प्रवक्ता ने कहा, “सेबी के परामर्श के अनुसार कंपनी आरबीआई सहित संबंधित नियामकों के समक्ष खुली पेशकश के लिए अधिग्रहणकर्ता (बर्मन समूह) की उपयुक्त एवं उचित स्थिति के लिए आवेदन करेगी।”
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