सेबी ने रीट को इक्विटी श्रेणी में डाला, म्यूचुअल फंड की भागीदारी बढ़ाने पर जोर

सेबी ने रीट को इक्विटी श्रेणी में डाला, म्यूचुअल फंड की भागीदारी बढ़ाने पर जोर

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  • Publish Date - November 28, 2025 / 10:10 PM IST,
    Updated On - November 28, 2025 / 10:10 PM IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) को ‘इक्विटी-संबंधित साधन’ के रूप में पुनर्वर्गीकृत करने का फैसला किया। इसका उद्देश्य म्यूचुअल फंड और विशेषीकृत निवेश कोषों (एसआईएफ) की भागीदारी बढ़ाना है।

इसके साथ ही सेबी ने कहा कि ढांचागत निवेश ट्रस्ट (इनविट) पहले की ही तरह हाइब्रिड साधन के रूप में वर्गीकृत रहेंगे।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि नए नियम एक जनवरी, 2026 से लागू हो जाएंगे।

सेबी ने कहा कि इस तारीख के बाद म्यूचुअल फंड और एसआईएफ की तरफ से रीट में किए गए निवेश को इक्विटी निवेश माना जाएगा।

वहीं, डेट यानी निश्चित आय वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं और एसआईएफ के पास 31 दिसंबर, 2025 तक मौजूद रीट निवेश सुरक्षित रहेंगे। हालांकि परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को बाजार स्थितियों और निवेशकों की पसंद देखते हुए इनमें क्रमिक कटौती करनी होगी।

म्यूचुअल फंड उद्योग निकाय एम्फी को प्रतिभूति वर्गीकरण सूची अद्यतन करने और एएमसी को अपनी योजनाओं के दस्तावेजों में उपयुक्त संशोधन जारी करने को कहा गया है।

इसके साथ ही सेबी ने कहा कि रीट को एक जुलाई, 2026 के बाद से ही इक्विटी सूचकांकों में जोड़ा जा सकता है।

सेबी के निदेशक मंडल की सितंबर में हुई बैठक में म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई थी, जिसके तहत रीट को इक्विटी और इनविट को हाइब्रिड संपत्ति वर्ग माना जाना तय हुआ था।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण