फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख से बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 304 अंक और टूटा |

फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख से बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 304 अंक और टूटा

फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख से बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 304 अंक और टूटा

:   Modified Date:  January 5, 2023 / 05:40 PM IST, Published Date : January 5, 2023/5:40 pm IST

मुंबई, पांच जनवरी (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गयी और बिकवाली दबाव से बीएसई सेंसेक्स 304 अंक से अधिक के नुकसान में रहा। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे से इस साल नीतिगत दर में और वृद्धि के संकेत से कारोबारियों ने जोखिम वाली संपत्तियों में निवेश घटाया है।

बाजार प्रतिभागियों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने से बिकवाली दबाव बढ़ा।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया और 304.18 अंक यानी 0.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,353.27 अंक पर बंद हुआ।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 50.80 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,992.15 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में बजाज फाइनेंस सबसे ज्यादा 7.21 प्रतिशत नीचे आया। नुकसान में रहने वाले अन्य शेयरों में बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, पावरग्रिड, टाइटन, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और टेक महिंद्रा शामिल हैं।

दूसरी तरफ आईटीसी, एनटीपीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एनटीपीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, नेस्ले इंडिया, सन फार्मा और टाटा स्टील प्रमुख रूप से लाभ में रहे।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 18 नुकसान में जबकि 12 लाभ में रहे।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर निवेशक ‘फेडरल ओपन मार्केट कमेटी’ (एफओएमसी) के ब्योरे के असर को समझ रहे हैं। एफओएमसी के ब्योरे के साथ शेयर बाजारों में गिरावट रही। इसका कारण महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर के स्तर पर आक्रामक रुख का संकेत है। घरेलू बाजार में वित्तीय शेयरों की अगुवाई में गिरावट आई…।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर मंदी की आशंका में तेल के दाम में नरमी के बाद अब इसमें तेजी आई है। वास्तव में, निवेशक दीर्घकालीन मांग को लेकर आशावादी बने हुए हैं।’’

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर मिले-जुले संकेत के बीच बाजार में गिरावट आई। हालांकि गिरावट की गति धीमी है। इसका कारण बारी-बारी से चुनिंदा शेयरों में लिवाली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन सबके बीच हमारा सुझाव है कि निवेशक निवेश आकार का ध्यान रखते हुए शेयर केंद्रित रुख अपनाएं।’’

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दिसंबर बैठक के ब्योरे में अधिकारियों ने महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर को बढ़ाने का संकेत दिया है। इसमें मौद्रिक नीति को नरम करने से पहले महंगाई के नीचे आने के और साक्ष्य की इच्छा जतायी गयी है।’’

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा। अमेरिकी बाजार बुधवार को बढ़त में रहे थे।

अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.04 प्रतिशत उछलकर 79.43 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध रूप से 2,620.89 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

भाषा

रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)