शरीफ ने व्यापार समझौते को बताया ‘‘ऐतिहासिक’’, ट्रंप का शुक्रिया अदा किया

शरीफ ने व्यापार समझौते को बताया ‘‘ऐतिहासिक’’, ट्रंप का शुक्रिया अदा किया

शरीफ ने व्यापार समझौते को बताया ‘‘ऐतिहासिक’’, ट्रंप का शुक्रिया अदा किया
Modified Date: July 31, 2025 / 12:58 pm IST
Published Date: July 31, 2025 12:58 pm IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 31 जुलाई (भाषा) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका के साथ हुए व्यापार समझौते को बृहस्पतिवार को ‘‘ऐतिहासिक’’ बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का शुक्रिया अदा किया और इससे दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ने की उम्मीद जाहिर की।

ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत वे दक्षिण एशियाई देश के ‘‘ विशाल तेल भंडार’’ को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

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इसके तट पर तेल के भंडार हैं लेकिन उन भंडारों का दोहन करने में कोई प्रगति नहीं हुई है। देश वर्तमान में अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पश्चिम एशिया से तेल आयात करता है।

प्रधानमंत्री शरीफ ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘ मैं ऐतिहासिक अमेरिका-पाकिस्तान व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने में नेतृत्वकारी भूमिका के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। इसे (समझौते को) कल रात वॉशिंगटन में दोनों पक्षों द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यह ऐतिहासिक समझौता हमारे बढ़ते सहयोग को और मजबूत करेगा ताकि आने वाले दिनों में हमारी स्थायी साझेदारी की सीमाओं का विस्तार हो सके।’’

सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान’ के अनुसार, पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब की वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत जैमीसन ग्रीर के साथ हुई बैठक में इसे अंतिम रूप दिया गया।

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, ‘‘ हमने अभी-अभी पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत पाकिस्तान और अमेरिका अपने विशाल तेल भंडार को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम उस तेल कंपनी को चुनने की प्रक्रिया में हैं जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी। कौन जाने, शायद वे किसी दिन भारत को तेल बेचेंगे!’’

रिपोर्ट के अनुसार, व्यापार समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना, बाजार पहुंच का विस्तार करना, निवेश आकर्षित करना और पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।

भाषा निहारिका नरेश

नरेश


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