शिवालिक स्माल फाइनेंस बैंक ने शुरू किया परिचालन, चार साल में 6,000 करोड़ कारोबार का लक्ष्य

शिवालिक स्माल फाइनेंस बैंक ने शुरू किया परिचालन, चार साल में 6,000 करोड़ कारोबार का लक्ष्य

शिवालिक स्माल फाइनेंस बैंक ने शुरू किया परिचालन, चार साल में 6,000 करोड़ कारोबार का लक्ष्य
Modified Date: November 29, 2022 / 08:46 pm IST
Published Date: April 26, 2021 3:50 pm IST

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) निजी क्षेत्र के शिवालिक स्माल फाइनेंस बैंक ने एक शहरी सहकारी बैंक से परिवर्तित हो कर कए लघु वित्त बैंक के तौर पर सोमवार को परिचालन शुरू किया। बैंक ने अगले चार साल के दौरान अपने कारोबार को तीन गुणा बढ़ाकर 6,000 करोड़ रुपये पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ सुवीर कुमार गुप्ता ने इस अवसर पर कहा, ‘‘यह शिवालिक के लिये यादगार सफलता है, मुझे अपनी पूरी टीम पर गर्व है जिसने इस दिन के लिये कड़ी मेहनत के साथ काम किया।’’ बैंक की जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।

शिवालिक स्माल फाइनेंस बैंक देश का 11वां लघु वित्त बैंक है, जिसका मुख्यालय उत्तर प्रदेश के नोएडा में है। शहरी सहकारी बैंक से लघु वित्त बैंक बनने वाला यह देश का पहला बैंक है। बैंक की मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कुल 31 शाखायें हैं।

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बैंक का कहना है कि उसका कारोबार छोटे व्यवसायों पर केन्द्रित है। बैंक की आने वाले 12 महीने के दौरान अपने मौजूदा 805 करोड़ रुपये के रिण खातों और 1,245 करोड़ रुपये के जमा खातों में 50 प्रतिशत वृद्धि की योजना है। इसके लिये बैंक कर बचत वाली सावधि जमा, युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिये बेहतर जमा खाते, सरकारी पुनर्वित योजना के तहत रिण उपलब्ध कराने और म्यूचुअल फंड वितरण जैसी योजनाओं को शुरु करेगा।

बैंक ने अगले चार साल में अपने कुल कारोबार में तीन गुणा वृद्धि कर उसे 2025 तक 6,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

रिजर्व बैंक ने भी अपने वक्तव्य में कहा गया है कि शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक ने 26 अप्रैल 2021 को एक लघु वित्त बैंक के तौर पर परिचालन शुरू कर दिया। रिजर्व बैंक ने बैंकिंग नियमन कानून 1949 की धारा 22 (1) के तहत उसे भारत में लघु वित्त बैंक के तौर पर कारोबार के लिये लाइसेंस जारी किया है। बैंक को इससे पहले शिवालिक मर्केंटाइल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड से लघु वित्त बैंक में परिवर्तित होने के लिये जनवरी 2020 सैद्धांतिक अनुमति दी गई थी।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर


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