कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से भारत को आयात बिल पर 1.8 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी : इक्रा
कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से भारत को आयात बिल पर 1.8 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी : इक्रा
नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) भारत को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा दरों में नरमी का रुख जारी रहने पर कच्चे तेल और एलएनजी के आयात पर 1.8 लाख करोड़ रुपये तक की बचत हो सकती है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बुधवार को यह अनुमान जताया।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक और उपभोक्ता है। यह अपनी 85 प्रतिशत से अधिक की कच्चे तेल की जरूरत को आयात से पूरा करता है। देश ने वित्त वर्ष 2024-25 में विदेशों से कच्चा तेल खरीदने पर 242.4 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए थे।
भारत में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की मांग का लगभग आधा हिस्सा घरेलू उत्पादन से पूरा होता है। इस मद में आयात पर 15.2 अरब डॉलर खर्च किए गए।
मांग के मोर्चे पर अनिश्चितता के बीच वैश्विक आपूर्ति बढ़ने के अनुमान के कारण इस सप्ताह की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें चार साल के निचले स्तर 60.23 डॉलर प्रति बैरल पर आ गईं।
रेटिंग एजेंसी ने एक टिप्पणी में कहा, ‘‘इक्रा को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 में कच्चे तेल की औसत कीमत 60-70 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेगी।’’
इक्रा ने आगे कहा कि इस स्तर पर कच्चे तेल का उत्पादन करने वाली कंपनियों की आय वित्त वर्ष 2025-26 में 25,000 करोड़ रुपये रह सकती है। यह अनुमान भी लगाया गया कि चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल के आयात पर 1.8 लाख करोड़ रुपये और एलएनजी के आयात पर 6,000 करोड़ रुपये की बचत संभव है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय

Facebook



